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कोटा से आए छात्र-छात्राओं ने मुख्यमंत्री सहित प्रशासन का आभार जताया shivpuri news


शिवपुरी। एजुकेशन हब बन चुके राजस्थान के कोटा में शिवपुरी सहित प्रदेश के अन्य जिलों के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में कोचिंग पढऩे जाते हैं, जो कोरोना के फेर में किए गए लॉकडाउन में यह बच्चे कोटा में ही फंस कर रह गए थे। इन बच्चों को लाने के लिए प्रशासन ने यात्री बसों को पहुंचाया, जिनके माध्यम से बुधवार को यह बच्चे शिवपुरी के कोटा नाका पर पहुंचे। यहां पर उन्हें दो घंटे रोका गया, जिसमें उनके लगेज को सेनेटाइज करने के साथ ही हैंडवॉश कराने के बाद उनकी स्क्रीनिंग की गई।
सभी बच्चों को नाश्ता व भोजन करवाने के बाद, उन्हें अपने जिलों की ओर यात्री बसों से रवाना कर दिया गया। इस दौरान कलेक्टर अनुग्रहा पी, एसपी राजेश सिंह चंदेल सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद रही। कलेक्टर ने वीडियो कॉलिंग पर बच्चों से प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात करवाई तथा उन्हें व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी।
आज दोपहर से ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम मप्र व राजस्थान के बॉर्डर कोटा नाका पर तैनात हो गई। देर दोपहर बसों में सवार होकर कोटा में पढऩे वाले बच्चों का आना शुरू हुआ। इन बसों में अलग-अलग जिलों के बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शिवपुरी तक लाया गया। फिर उन्हें इस बात के लिए इंतजार करना पड़ा कि उनके जिले के बच्चों वाली दूसरी बसें भी आ जाएं, ताकि प्रत्येक जिले के लिए बसों को एक साथ रवाना किया जाए।
बच्चों के लिए खाने-पीने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं करने के साथ ही कलेक्टर अनुग्रहा पी ने अपने मोबाइल से वीडियो कॉल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को न केवल व्यवस्थाओं के बारे में बताया, बल्कि कोटा से आए बच्चों से भी सीएम की बात करवाई। इस दौरान सभी बच्चों ने मुख्यमंत्री सहित प्रशासन का आभार जताया। कोटा से प्रदेश के सभी जिलों के कुल 1400 बच्चे आए हैं, जिनमें से महज 57 शिवपुरी के हैं।
यह बोले बच्चे
- मैं रीवा का रहने वाला हूं और कोचिंग में पढऩे के लिए कोटा गए था, लेकिन वहां एकाएक कोरोना से स्थिति बिगडऩे तथा लॉकडाउन हो जाने से हमारे परिजन बेहद चिंतित थे। वे हर दिन हमसे मोबाइल पर बात करके हमारी सलामती पूछते थे और अब हम शासन-प्रशासन की मदद से अपने परिवार वालों के पास पहुंच जाऊंगा।
- नीरज शुक्ला, छात्र निवासी रीवा
- हमें कोटा में भी ऐसी कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन परिजनों को जरूर मिस कर रहे थे। वहां पर हमारा स्वास्थ्य परीक्षण व स्क्रीनिंग करने के बाद हमें रवाना किया गया। यहां पर भी हमारी स्क्रीनिंग की गई, हैंडवॉश करवाने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी बेहतर रहीं। अब हमें अपने परिजनों से मिलने का इंतजार है।
- आयुष्मति, मेडिकल स्टूडेंट रीवा
यह बोलीं कलेक्टर
बच्चों का मेडिकल व स्क्रीनिंग कोटा में भी की गई, यहां पर भी हमने उनकी स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य परीक्षण करवाया है। यहां पर भोजन आदि की व्यवस्था की गई। यहां से हम दो घंटे बाद उनके घरों के लिए बस से रवाना कर देंगे। सभी बच्चे स्वस्थ व बेहतर महसूस कर रहे हैं।
- अनुग्रहा पी, कलेक्टर शिवपुरी

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