शिवपुरी। शासन द्वारा सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को लॉक डाउन की स्थिती में खाद्य सुरक्षा भत्ता मुहैया कराने के लिए शासन ने प्रत्येक बच्चे के लिए गेहूं व चावल भिजवाया है, परंतु शिवपुरी में यह गेहूं व चावल चुनिंदा स्कूलों को छोड़ कर किसी को नहीं बांटा गया। पत्रिका ने जब इस मामले को प्रमुखता से उठाया तो शुक्रवार को दर्जनों स्कूलों में बच्चों को खाद्यान वितरण किया गया। इन स्कूलों में शहर से लेकर गांव तक के स्कूल शामिल हैं। इस पूरे मामले पर बीआरसीसी का कहना था कि कंट्रोल से गेहूं नहीं उठ पाया था इस कारण खाद्यान वितरण नहीं हो सका था।
उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत शिवपुरी से एक मध्याह्न भोजन कार्यक्रम जारी किया गया था, जिसके तहत मार्च-अप्रैल 2020 के शैक्षणिक कार्य दिवसों में छात्रों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अनुसार मार्च के 11 दिनों और अप्रैल के 22 दिनों का खाद्यान स्कूल में दर्ज शत-प्रतिशत बच्चों को दिया जाना था। 15 अप्रैल बीत जाने के बाद भी कुछ स्कूलों को छोड़ कर कहीं खाद्यान वितरण नहीं किया गया। इस मामले को 16 अप्रैल के अंक में पत्रिका ने ‘स्कूली बच्चों के लिए शासन ने भेजे गेहूं और चावल, नहीं पहुंचे उनके घर’ नामक शीर्षक से हितग्राही बच्चों और उनके परिजनों की जुबानी ही पूरे मामले को प्रकाशित किया। उक्त खबर के प्रकाशन के उपरांत आनन फानन में लीड संस्थाओं से खाद्यान स्कूलों तक भिजवाया गया। आज नयागांव, इंदरगढ़, चक रतनपुर, सईसपुरा, फतेहपुर, छावनी सहित कई अन्य स्कूलों में बच्चों को बुलवा कर खाद्यान का वितरण किया गया। नयागांव में शिक्षकों ने सबसे पहले बच्चों के हाथ सेनेटाइज करवाए, मुंह पर कपड़े बंधवाए और स्वयं ग्लब्ज, मास्क आदि पहन कर बच्चों को खाद्यान वितरित किया। अधिकतर स्कूलों में खाद्यान वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। बीआरसीसी अंगद सिंह तोमर का कहना है कि कई जगह पर लीड व कंट्रोल वाले बहानेबाजी कर खाद्यान नहीं उठवा रहे थे। मामले से जब सीईओ साहब को अवगत कराया तो उन्होंने एक आदेश जारी किया, जिसके बाद खाद्यान उठवा कर वितरण करवाना शुरू कर दिया है। अब दो-चार दिन में सभी बच्चों को खाद्यान बंाट दिया जाएगा।
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