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आज की कॉन्फेंस प्रवासी श्रमिकों, सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार वालों और छोटे किसानों पर केंद्रित है। यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी। उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर उपस्थित थे। दोनों ने मिलकर घोषणाएं कीं।
3करोड़ किसानों के लिए जो 4,22,000 करोड़ के कृषि ऋण का लाभ दिया गया है उसमें पिछले तीन महीनों का लोन मोरटोरियम है। ब्याज पर सहायता दी है। 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है जिसकी लिमिट 25000 करोड़ होगी।
पिछले मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए जिसकी कुल राशि 86600 करोड़ रुपया है जिससे कृषि क्षेत्र को बल मिला है। कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई।
कृषि उत्पादों की खरीद के लिए 6700 करोड़ की वर्किंग कैपिटल भी राज्यों को उपलब्ध करवाई गई है।
न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव को खत्म करेंगो, मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप होगा।
महिलाओं के लिए रात्रि की पाली में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी।
कोरोना के समय में 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये है।
न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है। 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायतों में काम मिला है।
प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए आपदा राहत फंड के माध्यम से 11000 करोड़ से अधिक की राशि राज्यों को उपलब्ध करवायी गई।
स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए तीन बार का भोजन शेल्टर होम्स में लोगों को उपलब्ध करवाया गया। 12000 स्वंय सहायता समूहों ने 3 करोड़ मास्क और 1,20,000 लीटर सेनिटाइजर का उत्पादन किया है।
affordable rental housing scheme के अंतर्गत मजदूरों को शहरों में सस्ती दरों पर किराए के मकान उपलब्ध कराए जायेंगे। इस योजना के तहत शहरी इलाकों में Affordable Rental Housing Complexes (ARHC) बनाई जायेंगे। यह सभी निर्माण PPP mode पर बनाए जाएंगे।
पिछले मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए जिसकी कुल राशि 86600 करोड़ रुपया है जिससे कृषि क्षेत्र को बल मिला है। कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई।
कृषि उत्पादों की खरीद के लिए 6700 करोड़ की वर्किंग कैपिटल भी राज्यों को उपलब्ध करवाई गई है।
न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव को खत्म करेंगो, मजदूरों का सालाना हेल्थ चेकअप होगा।
महिलाओं के लिए रात्रि की पाली में काम करने पर सुरक्षा के लिए गाइडलाइन लाई जाएगी।
कोरोना के समय में 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये है।
न्यूनतम मजदूरी पहले ही 182 से बढ़ाकर 202 रुपये की जा चुकी है। 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायतों में काम मिला है।
प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए आपदा राहत फंड के माध्यम से 11000 करोड़ से अधिक की राशि राज्यों को उपलब्ध करवायी गई।
स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए तीन बार का भोजन शेल्टर होम्स में लोगों को उपलब्ध करवाया गया। 12000 स्वंय सहायता समूहों ने 3 करोड़ मास्क और 1,20,000 लीटर सेनिटाइजर का उत्पादन किया है।
affordable rental housing scheme के अंतर्गत मजदूरों को शहरों में सस्ती दरों पर किराए के मकान उपलब्ध कराए जायेंगे। इस योजना के तहत शहरी इलाकों में Affordable Rental Housing Complexes (ARHC) बनाई जायेंगे। यह सभी निर्माण PPP mode पर बनाए जाएंगे।

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