Music

BRACKING

Loading...

मां के चरणों में ही जन्नत है-सुश्री पूजा किशोरी


*माँ,*
                                          सच में माँ के चरणों में ही जन्नत है, जैसे "ॐ "शब्द में पूरा ब्रम्हांड समाया है उसी प्रकार माँ में पूरा विश्वा समाया है !माँ से बड़ी छाया इस दुनिया में कोई नहीं, "माँ " के बारे में मै क्या लिखूं क्यूंकि भगवान के बारे में भला क्या लिख सकते है वो तो अथाह सागर है. माता पिता भगवान ही होते है, भगवान ही माता पिता के रूप में आकर हमारे जीवन को रौशनी से प्रकाशित कर देते है क्युकि माँ वात्सल्य की मूर्ति होती है प्रेम की मूर्ति होती है !माँ वात्सल्य से भरी रहती है त्याग की मुर्ति है, इस संसार में ऐसा कौन होगा जो माँ से प्रेम न करें ! क्योकि ईश्वर भी माँ का प्रेम पाने के लिए, जानने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे!मुझे मेरी माँ के अंदर ही ईश्वर दिखता है। सौ शिक्षको के बराबर एक माँ होती है मेरी माँ मुझसे हमेसा कहती है कि यदि किसी का भला नहीं कर सकते तो बुरा भी नहीं करना चाहिए।दुसरों को धोखा या दुख देकर अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकते।यही ज्ञान भरी बातें मेरी माँ मुझसे कहती है यदि अपने बच्चो को चोट लग जाए तो आभास पहले माँ को होती है. एक रोटी के चार टुकड़े हो और खाने वाले पांच हो तो मुझे भूख नहीं है ऐसा कहने वाली एक माँ ही होती है। वो अपने बारे में कभी नहीं सोचती हमेशा अपने बच्चों के बारे में ही सोचती है और उनके लिए ही जीती है! सनातन धर्म भी कहता है कि ----"त्वमेव माता च पिता त्वमेव "माँ का स्थान सर्वश्रेष्ठ है, "कुपूत्रो जायते क्वचित अपि. कुमाता न भवति " जैसा कि अभी COVID-19 एक भयानक वाइरस अभी पुरे देश में फैला हुआ है जिसके कारण सरकार ने लोगो के हित के लिए लॉकडाउन किया तो पूरा सबका काम बंद है पर भले ही सबका काम बंद हो सकता है रुक सकता है लेकिन जो घर पर माँ होती है उसका काम कभी बंद नहीं होता सुबह उठना अपने बच्चो के लिए नास्ता. खाना बनाना और सोचना कि किसको क्या चाहिए कितना चाहिए और साथ ही साथ पुरे घर की जिम्मेदारी निभाना ये माँ ही कर सकती है ! इस संसार में हर कोई अपने कार्य के बदले पैसा मांगता है लेकिन एक माँ ही ऐसी होती है जो दिनभर घर में कार्य करती है बिना स्वार्थ के और ओ कुछ नहीं मांगती सिवाय अपनों का प्यार । सच में धन्य है माँ. तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम अपनी माँ का ध्यान रखें उनसे प्रेम करें उनका सम्मान करें ! मेरी माँ तो माँ के साथ साथ मेरी एक अच्छी दोस्त भी है जिनसे मै हर बाते शेयर करती हुं। मै अपनी माँ से बहुत प्रेम करती हुं,हर छोटी गलती पर अपने बच्चों को जल्दी माफ़ कर देती है. सच में माँ कि जगह इस संसार में कोई और नहीं ले सकता. "माँ तु कितनी अच्छी है, तु कितनी भोली है प्यारी -प्यारी है ओ माँ ओ माँ "   माँ के चरणों में सादर प्रणाम.......

सुश्री पूजा किशोरी डंगबोरा-सक्ती,जिला जांजगीर-चांपा छग

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ