*✍जिस्म तो रोता है मगर "रूह" नहीं रोती!*
*✍जरा उनसे पुछो जिनकी "मां" नहीं होती!!*
*✍🏻 "सीखना" है तो अपनी माँ से "सीखो" ऐ शायरों...!!*
*✍🏻 जो "दर्द" भी सह लेती है और "लिखती" भी नहीं...!!*
*✍🏻 दुनियाँ में एक "फ़रिश्ता" सबसे "जुदा" देखा...!!*
*✍🏻 जब भी "माँ" को देखा लगा कि "खुदा" देखा...!!*
*मां न होती तो वफ़ा कौन करेगा!*
*ममता का हक का भी दुआ कौन करेगा!!*
*हे परमेश्वर ! हर एक मां को सलामत रखना!*
*वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा!!*
*१० मई मातृ दिवस की समस्त मातृ शक्ति को हृदय से नमन् है*
*मातृदिवस पर ✍जितेन्द्र तिवारी बिर्रा की कलम से*

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