भारत में टू व्हीलर का इतिहास बहुत पुराना है। दुनिया के इंजीनियर्स ने जब मोटरसाइकिल नहीं बनाई थी तब भी भारत में दो पहियों के वाहन का उपयोग किया जाता था। मजेदार बात तो यह है कि रात के अंधेरे में रास्ता देखने के लिए वाहन के आगे रोशनी (मशाल) भी की जाती थी। 1 साल पहले तक हर टू व्हीलर में हेड लाइट को ऑन या ऑफ करने का बटन होता था परंतु अब यह स्विच नहीं आता। नए टू व्हीलर्स की हेड लाइट हमेशा ऑन रहती है। सवाल यह है कि ऐसा क्यों किया गया। जबकि पहले तो यदि दिन के समय हेड लाइट ऑन छूट जाए तो पापा बहुत मारते थे।
जयपुर, राजस्थान के रहने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर अंकित शर्मा का कहना है कि दोपहिया वाहनों में दिन में भी हेड लैम्प प्रकाशित होने की व्यवस्था एक सड़क सुरक्षा मानक है जिसे सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा लागू किया गया है। दरअसल दिन में प्रकाशित हेड लैम्प से दोपहिया वाहन दूर से ही अन्य वाहन चालकों को दिख जाते हैं और वे सतर्क हो जाते हैं। गौरतलब है कि विश्व के भिन्न देशों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है।
इस संदर्भ में भारत के राजपत्र में 22 फ़रवरी 2016 को अधिसूचना जारी की गयी है जिसके तहत वाहन निर्माता कम्पनियों को 1 अप्रैल 2017 एवं उसके बाद निर्मित सभी दोपहिया वाहनों में उक्त व्यवस्था देना अनिवार्य है इसलिए वर्तमान में नए दोपहिया वाहनों में हेड लैम्प चालू करने का स्विच नहीं आता है बल्कि इग्निशन या इंजन चालू करते ही हेड लैम्प स्वतः चालू हो जाता है और सिर्फ़ लो बीम एवं हाई बीम का स्विच आता है।
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