शिवपुरी। हमारी बसें 22 मार्च के बाद से बंद होने के साथ ही घरों पर खड़ी हैं। जब बस चली ही नहीं तो हम कहां से परिवहन विभाग का टैक्स चुकाएंगे, कैसे बैंक की किश्त व बीमा की राशि जमा करेंगे।
यह कहना था शिवपुरी बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष रणवीर सिंह यादव का। गुरूवार को बस संचालकों ने बस स्टैंड पर पत्रकार वार्ता आयोजित कर बताया कि हमने अपना मांग पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है।
ज्ञात रहे बस संचालकों को परिवहन विभाग ने पत्र जारी किया है, जिसमें उन्हें 15 मई तक टैक्स जमा करने की बात लिखी है। सरकार के इस नियम के विरुद्ध बस ऑपरेटर्स ने एक पत्र सीएम को लिखकर उक्त राशियों को माफ करने तथा समयावधि बढ़ाए जाने की मांग की।
ऑपरेटर्स का कहना है कि लॉकडाउन में हमारे वाहन घरों पर खड़े हैं, जिसके चलते हम लोग पहले ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, ऐसे में जबकि हमें अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा है, तो हम टैक्स कहां से जमा करेंगे।
उनका कहना है कि जब तक हमारी बसें सड़क पर नहीं आ जातीं, टैक्स माफ किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि कई ऑपरेटर्स ने यात्री बस को बैंक से फायनेंस कराया है, तथा इन हालातों में बैंक की किश्त भी जमा नहीं कर पाएंगे, इसलिए किश्त ना काटी जाए।
बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष रणवीर यादव का कहना है कि बैंक किश्त उनकी काट ली जा रही है, जिनके बैंक खाते में राशि है, लेकिन लॉकडाउन की स्थिति में इस तरह की कटौती पूरी तरह से गलत है। सरकार को हमारी इन मांगों पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए ताकि हम और भी अधिक आर्थिक संकट में जाने से बच सकें।
बस स्टॉफ भी लॉकडाउन खुलने के इंतजार में
यात्री बसों को चलाने वाले ड्राईवर, कंडेक्टर सहित आवाज लगाने वाले भी इन दिनों घर बैठे हैं। वे भी बस पर चलते हुए हर दिन कमाते-खाते थे, लेकिन लॉकडाउन में बंद हुईं यात्री बसों के चलते इनके परिवारों की स्थिति भी बिगड़ती जा रही है। वे भी इसी इंतजार में हैं कि कब यात्री बसें चलेंगी और वे अपने पुराने रोजगार में फिर से जुड़ सकेंगे।
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