श्योपुर,भारतीय स्टेट बैंक की स्टेशन रोड स्थित श्योपुर शाखा के लॉकर से गोल्ड के 101 पैकेट गायब होने के मामले को लेकर बैंक और पुलिस विभाग के अधिकारियों में श्योपुर से भोपाल तक हलचल मची है। यह मामला उजागर होने पर बैंक की ओर से बैंक के कैशियर राजीव पालीवाल और अकाउंटेंट रामनाथ ठाकुर को सस्पेंड कर दिया गया है। क्योंकि इन्हीं के पास लॉकर की चाबी रहती थी। शुक्रवार को इस मामले की पडताल के लिए एसपी संपत उपाध्याय,एएसपी पीएल कुर्वे बैंक पहुंचे।
खास बात यह है कि बैंक प्रबंधन इस मामले को एफआईआर दर्ज होने के बाद भी दबाने का प्रयास कर रहा है। यही वजह है कि बैंक प्रबंधन ने पैकेटो में रखे सोने के वजन की जानकारी एफआईआर होने के दूसरे दिन भी पुलिस द्वारा दो बार पत्र लिखने के उपरांत देर शाम को उपलब्ध कराई। पुलिस ने बताया कि गुम हुए 101 पैकेटो में लगभग 15 किलो सोना रखा था। जिसकी बाजार में कीमत 7 करोड़ के आसपास है। यहां बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक की स्टेशन रोड स्थित श्योपुर शाखा के लॉकर में गोल्ड लोन 214 पैकेट रखे थे। जिनमें उन लोगो की ज्वैलरी रखी थी,जिन्होने बैंक से गोल्ड लोन लिया था। 20 मार्च और 10 जून के बीच लॉकर से 101 पैकेट गायब हो गए। जिसका पता चाबी गुम होने की सूचना पर विभाग की एक टीम लॉक बदलने के लिए 10 जून को बैंक पहुंची और लॉक बदलने के दौरान लॉकर में रखे गोल्ड के पैकेटो को गिनने पर 101 पैकेट कम मिले।
खास बात यह है कि बैंक प्रबंधन इस मामले को एफआईआर दर्ज होने के बाद भी दबाने का प्रयास कर रहा है। यही वजह है कि बैंक प्रबंधन ने पैकेटो में रखे सोने के वजन की जानकारी एफआईआर होने के दूसरे दिन भी पुलिस द्वारा दो बार पत्र लिखने के उपरांत देर शाम को उपलब्ध कराई। पुलिस ने बताया कि गुम हुए 101 पैकेटो में लगभग 15 किलो सोना रखा था। जिसकी बाजार में कीमत 7 करोड़ के आसपास है। यहां बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक की स्टेशन रोड स्थित श्योपुर शाखा के लॉकर में गोल्ड लोन 214 पैकेट रखे थे। जिनमें उन लोगो की ज्वैलरी रखी थी,जिन्होने बैंक से गोल्ड लोन लिया था। 20 मार्च और 10 जून के बीच लॉकर से 101 पैकेट गायब हो गए। जिसका पता चाबी गुम होने की सूचना पर विभाग की एक टीम लॉक बदलने के लिए 10 जून को बैंक पहुंची और लॉक बदलने के दौरान लॉकर में रखे गोल्ड के पैकेटो को गिनने पर 101 पैकेट कम मिले।
सवा घंटे तक बैंक में रहे एसपी और एएसपी,किया मौका मुआयना
इस मामले की एफआइआर दर्ज होने के बाद शुक्रवार को सुबह 11:30 बजे एसपी संपत उपाध्याय, एएसपी पीएल कुर्वे, कोतवाली थाना प्रभारी दल सिंह परमार,विवेचना अधिकारी बृजमोहन रावत आदि पुलिस अधिकारी बैंक पहुंचे। अधिनस्थ अफसरो के साथ एसपी संपत उपाध्याय ने दोपहर 12:45 बजे तक बैंक के अंदर रूककर घटनास्थल का अंदर-बाहर घूमकर मौका मुआयना किया। वहीं बैंक मैनेजर सहित बैंक के अन्य अधिकारियों से भी इस संबंध में चर्चा की।साथही सीसीटीवी कैमरे भी देखे। इस दौरान उनको तीन तालो के अंदर रखे लॉकर के आसपास किसी तरह की कोई तोडफ़ोड़ के निशान नहीं मिले। जिसे देखकर उनका शक भी यकीन में बदलता नजर आया कि इस घटना में बैंक के ही लोग शामिल है।
इस मामले की एफआइआर दर्ज होने के बाद शुक्रवार को सुबह 11:30 बजे एसपी संपत उपाध्याय, एएसपी पीएल कुर्वे, कोतवाली थाना प्रभारी दल सिंह परमार,विवेचना अधिकारी बृजमोहन रावत आदि पुलिस अधिकारी बैंक पहुंचे। अधिनस्थ अफसरो के साथ एसपी संपत उपाध्याय ने दोपहर 12:45 बजे तक बैंक के अंदर रूककर घटनास्थल का अंदर-बाहर घूमकर मौका मुआयना किया। वहीं बैंक मैनेजर सहित बैंक के अन्य अधिकारियों से भी इस संबंध में चर्चा की।साथही सीसीटीवी कैमरे भी देखे। इस दौरान उनको तीन तालो के अंदर रखे लॉकर के आसपास किसी तरह की कोई तोडफ़ोड़ के निशान नहीं मिले। जिसे देखकर उनका शक भी यकीन में बदलता नजर आया कि इस घटना में बैंक के ही लोग शामिल है।
पुलिस ने बैंक से मांगे कैमरो के फुटेज
शुक्रवार को बैंक पहुंची पुलिस ने कुछ सीसीटीवी कैमरे भी देखे। मगर उनसे आरोपी का पता नहीं चला। इसलिए पुलिस ने बैंक प्रबंधन से बैंक के अंदर लगे सभी कैमरो के 20 मार्च से 10 जून तक के सीसीटीवी कैमरे फुटेज मांगे है। जिसे बैंक प्रबंधन ने जल्द ही उपलब्ध कराने की बात पुलिस अफसरो से कही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के साथही बैककर्मियों के लिखित रूप से भी बयान दर्ज करेगी। ताकि मामले का खुलासा हो सके।
शुक्रवार को बैंक पहुंची पुलिस ने कुछ सीसीटीवी कैमरे भी देखे। मगर उनसे आरोपी का पता नहीं चला। इसलिए पुलिस ने बैंक प्रबंधन से बैंक के अंदर लगे सभी कैमरो के 20 मार्च से 10 जून तक के सीसीटीवी कैमरे फुटेज मांगे है। जिसे बैंक प्रबंधन ने जल्द ही उपलब्ध कराने की बात पुलिस अफसरो से कही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के साथही बैककर्मियों के लिखित रूप से भी बयान दर्ज करेगी। ताकि मामले का खुलासा हो सके।
पैकेटो में 101 लोगो का रखा था सोना
लॉकर से गायब हुए गोल्ड लोन के 101 पैकेटो में उन 101 लोगो का सोना रखा था। जिन्होने सोना रखने के बाद बैंक से लोन लिया था। बताया गया है कि इस घटना से गोल्ड लेने वाले लोगो की धड़कन बढ़ गई। ऐसे कुछ लोग शुक्रवार को बैंक पहुंच गए और बैंक प्रबंधन से उनके जमा सोने के बारे में पूछा। इस दौरान बैंक प्रबंधन ने उनको भरोसा दिलाया कि उनके बैंक में जमा सोने का बैंक जिम्मेदार है।
लॉकर से गायब हुए गोल्ड लोन के 101 पैकेटो में उन 101 लोगो का सोना रखा था। जिन्होने सोना रखने के बाद बैंक से लोन लिया था। बताया गया है कि इस घटना से गोल्ड लेने वाले लोगो की धड़कन बढ़ गई। ऐसे कुछ लोग शुक्रवार को बैंक पहुंच गए और बैंक प्रबंधन से उनके जमा सोने के बारे में पूछा। इस दौरान बैंक प्रबंधन ने उनको भरोसा दिलाया कि उनके बैंक में जमा सोने का बैंक जिम्मेदार है।
बैंक की टीम भी निरीक्षण के लिए आएगी श्योपुर
बैंक के वरिष्ठ कार्यालय के द्वारा उन दोनो बैंककर्मियों को सस्पेंड कर दिया है,जिनके पास लॉकर की चाबी रहती थी। बताया गया है कि बैंक के वरिष्ठ कार्यालय से एक टीम इस मामले का निरीक्षण करने के लिए जल्द ही श्योपुर आएगी, जो पूरे मामले का निरीक्षण करने के बाद अपने स्तर से कार्रवाई करेगी।
वर्जन
लॉकर की चाबी कैशियर राजीव पालीवाल और अकाउंटेंट रामनाथ ठाकुर के पास रहती थी। जिनको सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई चल रही है।
विनोद कुमार लखनपाल
बैंक मैनेजर,भारतीय स्टेट बैंक श्योपुर,
बैंक के वरिष्ठ कार्यालय के द्वारा उन दोनो बैंककर्मियों को सस्पेंड कर दिया है,जिनके पास लॉकर की चाबी रहती थी। बताया गया है कि बैंक के वरिष्ठ कार्यालय से एक टीम इस मामले का निरीक्षण करने के लिए जल्द ही श्योपुर आएगी, जो पूरे मामले का निरीक्षण करने के बाद अपने स्तर से कार्रवाई करेगी।
वर्जन
लॉकर की चाबी कैशियर राजीव पालीवाल और अकाउंटेंट रामनाथ ठाकुर के पास रहती थी। जिनको सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई चल रही है।
विनोद कुमार लखनपाल
बैंक मैनेजर,भारतीय स्टेट बैंक श्योपुर,
वर्जन
बैंक पहुंचकर मामले की पड़ताल की। मगर अभी आरोपी का पता नहीं चला है। लेकिन आरोपी बैंक के अंदर का ही कर्मचारी होने की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता। बैंक ने सोने का वजन 15 किलो बताया है।
संपत उपाध्याय
एसपी,श्योपुर
जबाव मांगते ये सवाल
-4 अप्रैल को बैंक के लॉकर की चाबी गुम होने का पता चलने पर बैंक प्रबंधन दूसरे दिन कोतवाली में आवेदन देकर चुप क्यों बैठ गया। लॉकर की सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई।
-गोल्ड के 101 पैकेटो का गुम होने का पता चलने पर बैंक प्रबंधन, कोतवाली थाने में आवेदन देकर क्यों ठंडा पड़ गया। आवेदन में गोल्ड का वजन और कीमत क्यों नहीं बताई।जबकि बैंक में इसकी पूरी जानकारी रहती है।
-न बैंक की दीवार फूटी,न ताला टूटा, लॉकर को खरोंच तक नहीं आई,तो फिर लॉकर से चोरी कैसे हो गई।
-कोतवाली में आवेदन पहुंचने के बाद एसडीओपी रामतिलक मालवीय बैक पहुंचे तो बैंककर्मियों ने घटना के बारे में नहीं बताया,एसडीओपी ने दूसरी बार बैंक जाकर घटना के बारे में पूछा,तब जाकर बैंककर्मियों ने घटना के बारे में बताया
-101 पैकेटो में रखे सोना का वजन कितना था,इस बारे में बताने को लेकर बैंक प्रबंधन एफआईआर दर्ज होने के दूसरे दिन भी शाम तक टालमटोल करता रहा।
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