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हजारों क्विंटल भीगा चना, फिर भिगोने की तैयारी shivpuri news


शिवपुरी/कोलारस। शिवपुरी जिले में रविवार को हुई प्री-मानसून की बारिश में कोलारस कृषि उपज मंडी में बनाए गए खरीदी केंद्र पर रखा तीन हजार क्विंटल से अधिक चना पूरी तरह से भीग गया। सोमवार को मौसम खुला, तो उस भीगे चने को सुखाने के लिए खुले पड़े मैदान में भरे पानी में ही सुखाने के लिए फैला दिया। हजारों क्विंटल चना भीगने के बाद अभी भी बोरियां यूं ही खुले आसमान के नीचे रखी हैं तथा आसमान पर बादल छाए हुए हैं। चने की बोरियोंं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचवाने की बजाए अधिकारी जांच करने में व्यस्त हैं। इतना अधिक नुकसान होने के बावजूद कोई भी जिम्मेदार अपनी गलती न मानते हुए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
गौरतलब है कि शिवपुरी जिले के 70 केंद्रों पर गेहूं की खरीदी तथा 17 केंद्रों पर चने की खरीदी की गई। गेहूं की खरीदी तो बंद हो गई तथा जिले में कुल 2.53 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया, लेकिन इसमें से अभी भी पूरा गेहूं सुरक्षित वेयर हाउस अथवा गोदाम तक नहीं पहुंचा, जिसका उठाव अब अंतिम चरण में है। वहीं, जिले में चने की खरीदी 15 जून यानि आज तक होनी थी और अभी तक 30 हजार मीट्रिक टन चना खरीदा गया।
जिला खाद्य अधिकारी का कहना है कि इस बार चने की खरीदी अधिक हो गई, जबकि पिछले साल इतना चना नहीं खरीदा था। इसके पीछे बड़ा सवाल यह भी है कि जब चने का रकवा पिछले साल के बराबर ही था, तो फिर इतना अधिक चना कैसे खरीदी केंद्र पर आ गया, जिसे रखने को अब जगह नहीं मिल रही। ज्ञात रहे कि बीते दो वर्ष पूर्व जिले में उड़द की पैदावार से अधिक खरीदी केंद्रों पर आ गई थी। उस समय राजस्थान के व्यापारियों ने अपनी पुरानी उड़द शिवपुरी के खरीदी केंद्रों पर बेची थी।
आसमान पर बादल, खुले में रखा चना
कोलारस मंडी में रविवार की शाम हुई तेज बारिश में 3 हजार क्विंटल से अधिक चना इतना भीग गया कि उसमें से अभी भी पानी रिस रहा है। चने की भीगी हुई बोरियों को वहां से हटाकर दूसरी जगह रख दिया गया, लेकिन खाली मैदान में फिर से दूसरी चने की बोरियां रख दीं। भीगे हुए चने को वहीं पास में ऐसी जगह फैला दिया, जहां पहले से पानी भरा हुआ है, जिसके चलते फैले हुए चने के बीच में भी पानी नजर आ रहा है।
आज हुई चना खरीदी के बाद बोरियां भरकर फिर उन्हें खुले में रख दिया गया, जबकि आसमान पर अभी भी बादल छाए हुए हैं, जो कभी भी बरस सकते हैं, लेकिन जिम्मेदार उसे भीगने से बचाने की बजाए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर खुद को पाक-साफ बताने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर जिला प्रशासन के अधिकारी भी यहां फसल को सुरक्षित रखवाने की बजाए जांच करने में जुटे रहे।
सचिव व खरीदी केंद्र प्रभारी की अलग-अलग बयानी
हमारे शेड खाली थे, उसमें नहीं रखा चना : सचिव
हमारे यहां शनिवार व रविवार को मंडी बंद थी और हमारे सभी शेडखाली थे। हमने किसी को नहीं रोका और खरीदी केंद्र प्रभारी उन खाली शेड में खरीदा गया चना रख सकते थे, लेकिन उन्होंने चने को सुरक्षित नहीं रखा। हमारे तो छह शेड खाली हैं, यदि वे चना वहां रखवा देते तो बारिश में नहीं भीगता और फिर उसका उठाव करवा लेते।
- रविंद्र ंिसंह कुशवाह, मंडी सचिव कोलारस
सचिव ने नहीं रखने दिया चना: केंद्र प्रभारी
खरीदी की आखिरी तारीख नजदीक होने से एकाएक चने की आवक बढ़ गई और हमारे पास उसे रखने के लिए जगह नहीं थी। मंडी सचिव ने शेड के नीचे चना रखने से साफ मना कर दिया था। उठाव इतनी जल्दी नहीं हो सकता था, इसलिए बारिश में वो चना भीग गया।
- शिशिर जादौन, केंद्र प्रभारी कोलारस सहकारी संस्था
चर्चा यह भी है
खरीदी केंद्र पर उक्त चना पिछले तीन दिन से ऐसे ही खुले में रखा हुआ था और उसे सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी, जबकि हर दिन शाम को मौसम बिगड़ रहा था। ऐसा लगता है कि शायद खरीदी केंद्र प्रभारी भी उसे सुरक्षित जगह रखने की बजाए चने की बोरियां भीगने का ही इंतजार कर रहे थे। यदि मंडी सचिव खरीदे गए चने को सुरक्षित करने के लिए मंडी का शेड नहीं दे रहे थे, तो उन्हें अधिकारियों से शिकायत करनी चाहिए थी, जो उन्होंने नहीं की।
जांच में सामने आएगा दोषी : एडीएम
आज मैं खुद भी कोलारस मंडी आया हूं और रविवार की शाम हुई बारिश में भीगे चने के मामले की जांच कर रहा हूं। जांच के बाद जो भी दोषी सामने आएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- आरएस बालौदिया, एडीएम शिवपुरी

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