दैनिक भास्कर के पत्रकार तरुण सिसोदिया की एम्स ट्रामा सेंटर में 'मौत' की ख़बर से स्तब्ध हूँ। एम्स भले ही इसे खुदकुशी करार दे रहा है पर हेल्थ बीट को लंबे समय से कवर करते रहे Madhurendra Kumar और Manohar Keshari जैसे कई साथियों की जुटाई जानकारी इस मौत पर कई सवाल खड़े कर रही है। हकीकत ये है जिन हालातों में इस कोविड योद्धा की मौत हुई है उसे सामान्य आत्महत्या माना ही नहीं जा सकता।
मिली जानकारी के मुताबिक रिपोर्टिंग के दौरान कोविड पॉजिटिव होने के बाद तरुण तकरीबन 15 दिन पहले इलाज के लिये एम्स ट्रामा सेंटर में एडमिट हुए।उनके इलाज में कोताही बरती जा रही थी..उन्होंने आवाज उठाई ,मामला स्वास्थ्य मंत्रालय पहुचा और फिर वहां से ट्रॉमा सेंटर को रिपोर्ट गयी।आरोप है कि ट्रामा सेंटर प्रशासन ने उनके फ़ोन को जब्त करने के बाद उन्हें उ ICU में शिफ्ट करना उचित समझा ताकि उससे उनका फोन अलग किया जा सके और वो आगे कोई शिकायत न करे और अंदर की अव्यस्था की कहानी बाहर न जा सके। कुछ दिनों पहले ही तरुण अचानक अपने वार्ड से गायब थे,उनका फ़ोन भी बंद था, इस बाबत अफरा तफरी मची, बिना बताए उन्हें कही और शिफ्ट करने का सवाल उठा तो घण्टो बीत जाने के बाद एम्स प्रशासन ने बताया कि उन्हें ICU में शिफ्ट कर दिया गया है।
साथी मधुरेन्द्र ने तरुण की मौत को लेकर ट्विटर पर कई वाजिब सवाल उठाए है
मसलन
*उन्हें ट्रामा सेंटर ने ICU में शिफ्ट किया जबकि उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नही थी?
*क्या ऐसा करने के पीछे सिर्फ मकसद फोन छीनना था ताकि अंदर की अव्यवस्था बाहर न आये?
*फैमिली से उनको कम्प्लीट कट ऑफ क्यों किया गया जबकि संपर्क में रहने से उसे मानसिक रूप से राहत मिलती?
*ICU के सिक्योरिटी कवर से कोविड मरीज बाहर कैसे निकला?
*-छत पर सिक्युरिटी ब्रीच कर चला गया और सब सोये रहे?
*एम्स अपने बयान में कह रहा है कि उसके पीछे सुरक्षा कर्मी दौड़े , क्या एम्स, ICU से लेकर बाहर तक का CCTV फुटेज शेयर करेगा?
इसी बीच तरुण का एक वाट्सएप्प चैट भी वायरल हो रहा है जिसमे वो डॉक्टरों के काम के तरीके पर सवाल उठाते हुए ये अंदेशा भी जता रहे है कि उनका मर्डर हो सकता है !
जाहिर है तरुण की मौत को एक हादसा करार दे रहे एम्स की कहानी पर यूँ यक़ीन नहीं किया जा सकता। तरुण ने पिछले दिनों जो रिपोर्टिंग की है उसमें वो आत्महत्या के खिलाफ लिखते हुए कोरोना से ना डरने की बात कह रहे है। ज़रूरी है उनकी मौत की स्वतंत्र न्यायिक जांच हो ताकि सच सामने आ सके ।आखिर हमको ये जानने का हक है हमारे साथी के साथ क्या हुआ, क्यों हुआ, उसकी जिम्मेदारी तय होना ज़रूरी है । आप सब साथी अपने सोशल मीडिया एकाउंट से #justicefortarun #justicefortarunsisodiya से ट्वीट करें, पोस्ट करे। अपने दिवंगत साथी को इंसाफ दिलाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है
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