*छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेंद्र पारीक ने कहा की शिक्षकों के क्रमोन्नति, पदोन्नति, वेतन विसंगति व पुरानी पेंशन पर शासन की चुप्पी से शिक्षकों में आक्रोश है*।
*छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि 1998 से अब तक शासकीय शाला में ही शिक्षक सेवारत हैं उनकी पुरानी सेवा को आधार मानकर ही संविलियन किया गया है ऐसे में उस सेवा व अनुभव को आधार बनाकर शिक्षा विभाग में पदोन्नति व क्रमोन्नति क्यों नहीं दिया जाएगा? शिक्षा विभाग के नया भर्ती नियम 2019 में कई संशोधन का सुझाव दिया गया किंतु विभाग के द्वारा इसे दरकिनार करते हुए नियम बनाया है इससे एलबी संवर्ग को क्रमोन्नति व पदोन्नति में अधिकारी बाधा बना रहे हैं। इस नियम में एलबी संवर्ग से भेदभाव किया गया है संख्या के अनुपात में पदोन्नति के पद नहीं दिए गए हैं और पुरानी सेवा के वरिष्ठता भी नहीं की गई है, क्रमोन्नति एवं वेतन विसंगति की समस्या पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे समस्या यथावत है*।
*प्रदेश उपाध्यक्ष बिलासपुर संभाग प्रभारी बसंत चतुर्वेदी जी ने कहा की शिक्षकों के प्रति शोषण अन्याय व भेदभाव के विरोध में 2 अक्टूबर को सत्या का संदेश के माध्यम से शिक्षक अपना अधिकार मांगते हुए सरकार तक ट्विटर के माध्यम से पहुंचाएंगे सभी विभाग में पदोन्नति जारी है तो शिक्षा विभाग में पदोन्नति क्यों नहीं? हजारों शिक्षक संवर्ग को 23 वर्ष की शिक्षक की सेवा में भी क्रमोन्नति नहीं दी गई है*।
*जिलाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने कहा की 1998 से लगातार भर्ती किए गए हजारों शिक्षा कर्मियों को आज तक क्रमोन्नति, पदोन्नति नहीं मिली एक ही पद पर 10 वर्षे की सेवा पूर्ण करने पर क्रमोन्नति का प्रधान है, किंतु नियम कायदे के चक्कर में विभाग ने शोषण किया है*।
*सचिव बोधीराम साहू जी ने कहा की बाजार आधारित एनपीएस का आधार पर पुरानी पेंशन योजना की मांग की जा रही है एलबी संवर्ग में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण भी लंबित है जनवरी 2019 से महंगाई भत्ता लंबित है 2 वर्ष से अधिक की सेवा के लिए वेटेज देते हुए जुलाई 2020 से संविलियन की मांग जारी है*।
*जिला महासचिव उमेश दुबे ने कहा की छत्तीसगढ़ के 3:30 लाख एनपीएस कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य व बुढ़ापे के लिए पुरानी पेंशन योजना एकमात्र विकल्प है एनओपीआरयूएफ लगातार पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष रहता है। अभी वर्तमान में 2004 के पूर्व के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दी जा रही है वही 2004 के बाद देश व प्रदेश में नई पेंशन योजना लागू कर दी गई है एक देश एक विधान एक निशान की बात की जा रही है तो 2004 के बाद अभी भी नेताओं के लिए पुरानी पेंशन व कर्मचारियों के लिए नई पेंशन यह अलग-अलग व्यवस्था क्यों? अब समझ में आने लगा है कि नई पेंशन बुढ़ापे का सहारा नहीं इसलिए 2004 के बाद विधायक व सांसदों ने अपने लिए पुरानी पेंशन जारी रखा है और कार्यपालिका के हिस्से में नई पहचान(एन पी एस) ठोक दिया है। एक देश व प्रदेश में अलग-अलग पेंशन योजना का विरोध जारी है एक नेशन एक पेंशन हमारा मिशन पुरानी पेंशन की मांग लगातार जारी है*।
*बम्हनीडीह ब्लॉक अध्यक्ष उमेश तेंम्बूलकर ने कहा कि देश व छत्तीसगढ़ में समस्त विभाग के कर्मचारी शिक्षक, लिपिक, स्वास्थ्य कर्मचारी अधिकारी, रेलवे कर्मी, पुलिसकर्मी, बैंक कर्मी, पैरामिलिट्री के जवानों के बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन के लिए लामबंद है। छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदेश के समस्त साथी अपनी मांगों के लिए संयुक्त रुप से संघर्ष जारी रखे हुए हैं आने वाले समय में पुरानी पेंशन के लिए सभी साथियों के साथ एक जुटता पूर्वक पुरानी पेंशन बहाली के लिए हम एकजुट रहकर अपने लड़ाई जारी रखेंगे*।
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