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कलेक्टर का खुलासा ; इंदौर के महू क्षेत्र में कांग्रेस नेता ने चुराया लाखों गरीबों का चावल

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू क्षेत्र में गरीबों को वितरित करने के लिए शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर सप्लाई होने वाला अच्छी क्वालिटी का सरकारी चावल चोरी होने का मामला सामने आया है। इंदौर कलेक्टर का कहना है कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड मोहन अग्रवाल है जो ठेकेदार होने के साथ-साथ कांग्रेस का नेता भी है। मोहन अग्रवाल अच्छी क्वालिटी का सरकारी चावल अपने गोदाम में रख लेता था और घटिया क्वालिटी का चावल गरीबों में वितरण के लिए उचित मूल्य की दुकानों पर सप्लाई कर देता था। करीब ₹500000000 का चावल चुराए जाने की पुष्टि हो चुकी है और जांच खत्म होते तक इंदौर में 100 करोड़ के चावल घोटाला की उम्मीद जताई जा रही है।

इंदौर में कांग्रेस नेता मोहन अग्रवाल, उसके दो बेटे और रिश्तेदारों के खिलाफ FIR

बड़गोंदा थाना पुलिस ने गरीबों को वितरित किए जाने वाले गेहूं-चावल का परिवहन करने वाले ठेकेदार व कांग्रेस नेता मोहन अग्रवाल, उसके दोनों बेटे मोहित अग्रवाल व तरुण अग्रवाल, सहयोगी आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल, जबकि किशनगंज थाना पुलिस ने चार राशन दुकानों के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए यह लोग किसी अज्ञात स्थान पर छुप गए हैं। ASP अमित तोलानी ने इनका पता बताने वालों को दो-दो हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। जांच पूरी होने तक घोटाले का आंकड़ा करीब 100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

इंदौर में प्रत्येक राशन की दुकान से करीब 10 क्विंटल चावल कालाबाजारी के लिए

गड़बड़ी में स्थानीय व्यापारियों के साथ कई शासकीय कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। घोटाले की जांच 17 अगस्त को शुरू की गई थी। सूचना के आधार पर SDM अभिलाष मिश्रा ने मामले की जांच शुरू की तो नागरिक आपूर्ति निगम से राशन दुकानों तक माल पहुंचाने वाले कांग्रेस नेता मोहन अग्रवाल व उसके दोनों बेटों के नाम पता चले। ये लोग राशन दुकानों पर संचालकों और शासकीय कर्मचारियों से साठगांठ कर अनाज विशेषकर चावल राशन की दुकानों पर पहुंचाने के बाद उसमें से करीब 8-10 क्विंटल वापस ले आते थे। इसके लिए तरुण दुकान संचालकों को रुपये देता था।

कांग्रेस नेता के गोदाम में छुपा था 600 बोरी गरीबों का चावल

कलेक्टर कार्यालय की ओर से बताया गया कि महू मंडी परिसर में मोहन अग्रवाल के एक गोदाम पर जब छापा मारा गया तो वहां से चावल के 600 बोरे मिले, जिसका हिसाब मोहन अग्रवाल नहीं दे सका। चावल पर सरकारी मंडी में कोई कर नहीं होता है, ऐसे में चावल का वहां होना ही संदेहास्पद था। शनिवार को कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इसी अनाज को बाजार में खपाया जाता था। सिंह ने इस मामले में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता बताई है।

कांग्रेस नेता अच्छी क्वालिटी का सरकारी चावल निकाल कर घटिया चावल गरीबों में वितरित करवाते थे 
कलेक्टर ने बताया कि राशन दुकानों से जो अनाज मोहन अग्रवाल वापस लेता था, उसकी पूर्ति उपभोक्ताओं से की जाती थी। उन्हें धोखाधड़ी करके कम राशन दिया जाता था। राशन दुकानों पर जो चावल मिला, उसकी गुणवत्ता वहां दिए जाने वाले चावल से काफी खराब थी। ऐसे में आशंका है कि आरोपित चावल बदलते भी थे।

डीजल की जगह सभी वाहनों में सरकारी केरोसिन डाला जा रहा था

मोहन अग्रवाल पर केरोसिन में भी गड़बड़ी का आरोप है। SDM मिश्रा ने उसके वाहनों की जांच में पाया कि सभी वाहन नीले केरोसिन से चलाए जा रहे थे। सरकारी केरोसिन के अवैध उपयोग और उसकी कालाबाजारी का भी एक मामला मोहन अग्रवाल पर दर्ज किया गया है। अग्रवाल 20 वर्षों से राशन दुकानों को माल सप्लाई कर रहा है। 

इंदौर से चुराए गए सरकारी चावल की कालाबाजारी नीमच और मंडला में

कलेक्टर के मुताबिक मोहन अग्रवाल के कर्मचारियों से पता चला कि मोहन अनाज की धांधली कर अपने सहयोगी व्यापारी आयुष अग्रवाल और लोकेश अग्रवाल को माल बेचता था। इन दोनों व्यापारियों के यहां जांच की गई तो मंडला और नीमच की फर्मों के भी नाम सामने आए जहां इन दोनों व्यापारियों ने माल बेचना बताया। नीमच स्थित फर्म के मालिक पर वहीं के थाने में सरकारी राशन की हेराफेरी का मामला दर्ज है। कलेक्टर ने बताया कि फरार आरोपितों के सामने नहीं आने पर इनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी।

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