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हाथरस रेप कांड में फेक भाभी के सपोर्ट में कांग्रेस आई


 भोपाल - 
हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और मौत के बाद पीड़ित परिवार के घर रिश्तेदार बनकर पहुंची जबलपुर मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रोफेसर राजकुमारी बंसल पहले भी विवादों में आ चुकी हैं। जिला चिकित्सालय डिंडोरी में ड्यूटी से अनुपस्थित होने के कारण कार्रवाई की गई थी। उन पर अधिकारियों पर एससी एसटी एक्ट में फंसाने के आरोप भी लगे थे। सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले प्रशांत पटेल नाम के वकील ने सवाल खड़े किए हैं।

वे लिखते हैं कि नक्सली भाभी डॉ. राजकुमारी बंसल वाल्मीकि, नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में 10% से कम उपस्थित रहती है। दो लाख सैलरी, मुफ्त आवास और अन्य भत्ते हैं। प्रिंसिपल से लेकर डीन सब इससे डरते हैं। उन पर उठ रहे सभी सवालों पर राजकुमारी ने सफाई दी है कि कोई भी कॉलेज का रिकॉर्ड देख सकता है। मैं अपना काम पूरी ईमानदारी से करती हूं। मैं दुखी थी इसलिए वहां गई थी। अगर वे दोबारा बुलाएंगे, तो फिर जाऊंगी।

कांग्रेस सपोर्ट में आई

इधर, अब उनके सपोर्ट में कांग्रेस आ गई है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि मुझे वो बहुत की संवेदनशील महिला लगी। एक माह का वेतन चेक दे कर आई है। वह कोई अपराधी नहीं। यूपी एसटीएफ बिना किसी अपराध के जबरदस्ती झूठी कहानी गढ़कर गिरफ्तार नहीं कर सकती है। तन्खा ने कहा कि मप्र सरकार से मेरा आग्रह कि बंसल को योगी आदित्य नाथ के कहने से या खुश करने के उद्देश से परेशान करना गलत होगा। कांग्रेस का इसके सहारे दलित वोट साधने की कोशिश माना जा रहा है। फेक भाभी के सवाल पर बंसल ने कहा कि मैंने तो नहीं कहा कि मैं भाभी हूं। जिसने कहा वो इसकी सफाई दें।

इसलिए आई सुर्खियों में

डॉ.बंसल ने बताया कि वे पांच दिन से इसको लेकर बेहद दुखी थी। परेशान होकर 4 अक्टूबर को ट्रेन से होते हुए पूछते-पूछते हुए उनके घर तक पहुंची। दो दिन वहां रुकी। मेरे पास सामान नहीं था इसलिए वहां से लौट आई। मेरा दस साल का बेटा भी है। मैंने कहीं नहीं कहा कि मैं उनकी भाभी हूं। यह तो चैनल वाले बोल रहे थे। सफाई उनसे लें। जहां तक नक्सली कनेक्शन का आरोप है तो सरकार पहले साबित करे। फिर मैं अपने को साबित करूंगी।

प्रबंधन ने जवाब मांगा है

डॉ. राजकुमारी बंसल जबलपुर मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पीके कसार ने एक सरकारी सेवक के इस तरह के आंदोलनों में शामिल होने को गंभीर माना है। उन्होंने कहा है कि डॉ. राजकुमारी बंसल को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और शासन के नियमों के मुताबिक उन पर कार्रवाई भी की जाएगी। उनके खिलाफ इस बार कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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