Music

BRACKING

Loading...

संविधान निर्माण में इंदौर का रहा महत्वपूर्ण योगदान

 


इंदौर संविधान निर्माण में इंदौर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके निर्माण के समय कुल 299 सदस्यों ने भाग लिया था, जिसमें से एक सदस्य कुसुमकांत जैन थे। कुसुमकांत जैन इंदौर के ही रहने वाले थे और जिस वक्त संविधान बनाया जा रहा था उस वक्त उनकी उम्र महज 27 वर्ष ही थी और वे सबसे कम उम्र के सदस्य थे। संविधान के निर्माण में दूसरा महत्वपूर्ण योगदान चित्रकार दीनानाथ भार्गव का रहा, जिन्होंने इसका कवर पेज बनाने में महती भूमिका निभाई थी।

यह बात वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन द्वारा आयोजित वेबिनार में कही। संविधान दिवस के उपलक्ष्य में हुए इस वेबिनार में हरेराम वाजपेयी ने कहा कि जिन अधिकारों और उद्देश्यों को लेकर संविधान का निर्माण हुआ था आज उसकी सबसे ज्यादा अवहेलना हमारे ही देश में हो रही है। यदि ऐसा ही होता रहा तो आने वाली पीढ़ी के मन में संविधान और उसे बनाने वालों के प्रति क्या भावना रहेगी यह व्यक्त नहीं किया सकता।
वेबिनार के मुख्य अतिथि पुणे के डॉ. शाहबुद्दीन शेख थे। उन्होंने भारत न्याय विधाता प्रस्तावना तथा शून्यकाल पर विचार रखे। विशेष अतिथि संस्था के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने भी विचार व्यक्त किए। मुख्य वक्ता शिक्षाविद् ब्रजकिशोर शर्मा ने भारत के संविधान को मानव जीवन जीने की शक्ति बताया और राजनीति क्षेत्र में हो रहे उल्लंघन पर दुख वक्त किया। उन्होंने कहा कि कुछ बाहुबलियों द्वारा संविधान का गलत इस्तेमाल करने से भावी पीढ़ी में गलत संदेश प्रसारित हो रहा है। डॉ. रश्मि चौबे ने मसौदा समिति, डॉ. ममता झा ने धर्म निरपेक्षता एक नागरिकता, डॉ. लता जोशी ने अनुच्छेदों पर बात करते हुए देश की रक्षा में शहीद हुए राष्ट्रभक्तों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मुंबई की सुवर्णा जाधव ने अधिकारों के साथ कर्तव्यों पर प्रकाश डाला। आयोजन में छत्तीसगढ़ के डॉ. आशीष नायक, इंदौर के डॉ. जीडी अग्रवाल ने सारगर्भित विचार व्यक्त किए। वेबिनार की शुरुआत पूर्णिमा मंडलोई ने सरस्वती वंदना से की। संचालन व आभार डॉ. मुक्ता कौशिक ने माना। यह जानकारी मुकेश इंदौरी ने दी।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ