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सात दिन में प्रोफेसर-रीडर की कक्षाओं को लेकर विभागों को देना है रिपोर्ट, फिर बढ़ेंगे गेस्ट फैकल्टी



इंदौर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) में शिक्षकों की कमी होने लगी है। कार्यपरिषद में गेस्ट फैकल्टी बढ़ाने पर जोर दिया गया, लेकिन सदस्यों ने विभागों के नियमित प्रोफेसर-रीडर की कक्षाओं का हिसाब मांगा है। अब विभागों को सात दिन में इन्हें पीरियड लेने के बारे में बताना है। रिपोर्ट से संतृष्ट होने के बाद सदस्य गेस्ट फैकल्टी पर मंजूरी देंगे। फिर ही विभाग इन्हें कक्षाएं आवंटित कर सकेगा।

तक्षशिला परिसर स्थित विभागों से लगातार नियमित शिक्षक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इन दिनों प्रत्येक विभाग में शिक्षकों की कमी बनी है। 190 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटकने से अभी विश्वविद्यालय प्रशासन गेस्ट फैकल्टी से शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करने में लगा है। आइएमएस, आइआइपीएस, आइईटी जैसे विभागों में 50-80 के बीच गेस्ट फैकल्टी की जरूरत पड़ती है। डेढ़ साल बाद कार्यपरिषद की बैठक में विश्वविद्यालय ने गेस्ट फैकल्टी बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। इसे लेकर अतिरिक्त संचालक व सदस्य डॉ. सुरेश सिलावट ने आपत्ति ली और कहा कि विश्वविद्यालय में नियमित प्रोफेसर, रीडर, लेक्चरर भी कार्यरत है। ये कितनी कक्षाएं रोजाना लेते हैं। कई बार शिकायतें मिलती है कि नियमित शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने में दिलचस्पी नहीं लेते है। उनकी कक्षाएं गेस्ट फैकल्टी को दी जाती है।

उनकी बात का समर्थन कुछ और सदस्यों ने भी किया, जिसमें डॉ. विश्वास व्यास और डॉ. मंगल मिश्र भी शामिल थे। इसके बाद सदस्यों ने प्रत्येक विभाग से शिक्षकों की कक्षाओं का हिसाब मांगा है। रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्यपरिषद में गेस्ट फैकल्टी के मुद्दे पर बहस होगी। प्रभारी रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है कि शिक्षकों के ऑनलाइन व अन्य गतिविधियों को लेकर रिपोर्ट बनाई जा रही है। इसे ईसी में रखा जाएगा।

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