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जमानतों ने भरा बार का खजाना, कोविड प्रभावित वकीलों की जाएगी मदद



ग्वालियर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ से मिलने वाली जमानतों ने बार के खजाने को भर दिया है। अब तक हाई बार एसोसिएशन के खाते में करीब 20 लाख रुपये जमा हो चुके हैं। इस पैसे को अब उन वकीलों की मदद में खर्च किया जाएगा, जो कोविड-19 की वजह से प्रभावित हैं। बार के पास आर्थिक मदद के लिए करीब 350 वकीलों के आवेदन लंबित है। इस पैसे से उनकी मदद की जाएगी।

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हाई कोर्ट, जिला न्यायालय सहित अन्य न्यायालय मार्च से बंद है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जरूरी केसों की सुनवाई हो रही है। इस कारण हर वकील के पास काम नहीं है। इससे वकीलों की आर्थिक स्थित खराब हो गई है। बार के वरिष्ठ सदस्यों ने वकीलों की मदद के लिए दान दिया था, करीब 15 लाख रुपये इकट्ठा हुआ था। 2500 से लेकर 5 हजार रुपये तक की मदद की गई। लेकिन हर वकील की मदद नहीं हो सकी। बार के पास पैसे भी नहीं बचे थे, लेकिन हाई कोर्ट ने जमानत की शर्त में बार की मदद को जोड़ दिया है। आरोपितों की ओर से भी बार की मदद के लिए सहमति दे रहे थे। कोर्ट ने जमानत की शर्त में 5 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक जमा करने के आदेश दिए। इससे बार के पास 20 लाख रुपये जमा हो गए हैं। यह अब पैसा अब वकीलों की मदद में खर्च किया जाएगा। बार के संयुक्त सचिव डा जितेन्द्र जैन का कहना है कि करीब 150 आवेदन पुराने थे, 200 आवेदन नए आ गए।
सरकारी स्कूलों में पंखे भी लगवाए

  • -कोर्ट ने एक और अनोखी शर्त जोड़ी है। जमानत की शर्त में जोड़ा गया है कि जेल से रिहा होने के बाद आरोपित को शासकीय स्कूल में सेवा का कार्य करना होगा। साथ ही उसे स्कूल के सुधार के लिए भी कुछ कार्य करना होगा। आरोपितों ने शासकीय स्कूलों में पंखे लगवाये हैं।
  • - अस्पताल में सेवा करने की भी जिम्मेदारी दी गई है। अगर शर्त का पालन नहीं किया है तो कोर्ट ने जमानत भी निरस्त की हैं। इसके अलावा बारिश में पौधे रौपने की शर्त भी लगाई। इसके चलते सिरोल पहाड़ी हरी हो गई है।

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