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मंडी टैक्स की समीक्षा अवधि तीन महीने होने से व्यापारी नाराज, मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से करेंगे मुलाकात

 


भोपाल मंडी टैक्स डेढ़ रुपये से घटाकर 50 पैसे करने की मांग को लेकर सितंबर महीने में मंडी व्यापारियों ने प्रदेशभर में प्रदर्शन किया था। इसके बाद सरकार ने निर्णय ले लिया था और टैक्स घटा दिया। इस निर्णय को अमल में भी लाया जा रहा है। सरकार तीन महीने बाद समीक्षा करेगी। इसका व्यापारी विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में उपज की आवक ही नहीं है। यह स्थिति फरवरी तक चलेगी। नया गेहूं व चना मार्च बाद ही आएगा। ऐसे में तीन महीने बाद समीक्षा होती है तो मंडी की आय ही नहीं दिखाई देगी। इसके बाद सरकार वापस टैक्स बढ़ा देगी। यदि सरकार तीन माह की बजाय छह महीने तक अवधि बढ़ा देती है तो मंडी की आय बढ़ेगी। इसे लेकर व्यापारी जल्द ही मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री से मुलाकात करेंगे।

करोंद अनाज मंडी व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष हरीशकुमार ज्ञानचंदानी ने बताया कि सरकार ने टैक्स घटा दिया है और इसे अमल में भी लाया जा रहा है, लेकिन तीन महीने की समयावधि काफी कम है। वर्तमान में गेहूं व सोयाबीन मंडी में बिकने आ रहा है। अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन फसल बर्बाद हो चुकी है। इस कारण सोयाबीन की आवक 500 बोरी प्रतिदिन भी नहीं रही है। पिछले सालों की बात करें तो अक्टूबर से दिसंबर के बीच प्रतिदिन चार से पांच हजार क्विंटल सोयाबीन बिकने आता था। इस कारण मंडी की आय भी अच्छी होती थी, लेकिन अबकी बार आवक नहीं होने के कारण आय नहीं दिखेगी, जबकि सरकार समीक्षा इसी अवधि की करेगी। ऐसे में तो सरकार को आय मिलेगी ही नहीं। इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं कृषि मंत्री कमल पटेल से मिलेंगे। उनसे समयावधि बढ़ाने की मांग करेंगे।

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