जिनके घराें में पक्के शाैचालय नहीं थे, उन्हें 200-200 ईंटें बांटकर कागजों में 499 शौचालय के निर्माण पूरे बताकर पंचायत को ओडीएफ घोषित करवा दिया। शौचालय के नाम पर किया गया यह फर्जीवाड़ा शिवपुरी जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर ग्राम पंचायत सिरसौद में सामने आया।
जिला पंचायत सीईओ ने 23 फरवरी 2016 को जनपद सीईओ को पत्र जारी किया था। जिसमें सचिव के जवाब के आधार पर शौचालय निर्माण व अन्य बिंदुओं की मौका स्थल निरीक्षण कर प्रतिवेदन सात दिन में मांगा थाी। जिससे आगमी कार्रवाई की जा सके। लेकिन तत्कालीन जनपद सीईओ ने जिला पंचायत सीईओ के पत्र पर गौर ही नहीं किया। यही वजह रही कि आज तक मामले की जांच नहीं हो सकी।
आरोप- रोजगार सहायक ने फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार किए
- ग्रामीणों की शिकायत पर सिरसौद के तत्कालीन पंचायत सचिव हरीश बैरागी को निलंबित कर दिया। आरोप पत्र के जवाब में सचिव ने स्पष्ट किया कि 499 शौचालय के पूर्णत: प्रमाण पत्र रोजगार सहायक दीपक शर्मा ने फर्जी तरीके से तैयार किए हैं। उपयोगिता प्रमाण पत्रों पर सचिव, सरपंच और हितग्राहियों के हस्ताक्षर नहीं हैं।
- ग्राम पंचायत सिरसौद की महिला सरपंच झुनिया बाई आदिवासी पति की मौत के बाद वे एक महीने पहले रिश्तेदार के साथ चलीं गई। वहीं शौचालय फर्जीवाड़े मामले में जिला नोडल अधिकारी सत्यमूर्ति समय से बात करना चाही तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
2. ग्रामीण काशीराम का कहना है कि ग्राम पंचायत द्वारा उसके यहां कोई शौचालय नहीं बनाया है। जबकि गांव में 499 शौचालय फर्जी तरीके से कागजों में बना दिए हैं।
3. ग्रामीण दौलतराम ने बताया कि शौचालय के नाम पर सचिव, रोजगार सहायक और अधिकारियों ने पैसे खा लिए हैं। हमारे यहां शौचालय आज तक नहीं बनाए हैं।
जांच दल गठित, जांच प्रतिवेदन 22 मार्च को सौंपेंगे
^साल 2016 में निरीक्षण प्रतिवेदन मांगे जाने के बाद अधिकारियों के तबादले हो गए। इस बीच किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। यह मामला टीएल में शामिल है, जिसकी जांच के लिए जनपद स्तर से तीन सदस्यीय जांच दल गठित हो गया है। 22 मार्च को जांच प्रतिवेदन सौंपेंगे।
प्रति परिवार काे नाै हजार रुपए के मान से लगभग 45 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है। इस संबंध में ग्रामीणाें ने हाल ही में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से भी लिखित शिकायत की है। मंत्री के पत्र के बाद कलेक्टर ने मामला टीएल मीटिंग में ले लिया है। अब शौचालय फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है।
सीईओ ने सात दिन में प्रतिवेदन मांगा था, अब तक नहीं भेज पाए
ग्रामीण बोले- हमें सिर्फ 200 ईंटें दीं, पैसे खा लिए
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