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वेदी और उनके नीचे जगह कम पड़ी ताे अब रास्ते में सजा रहे चिताएं



 ग्वालियर लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम पर काेविड मृतकाें के अंतिम संस्कार का दबाव बढ़ गया है। यहां एक ही दिन में 20 से अधिक शवाें के अंतिम संस्कार हाे रहे हैं। गुरुवार काे यहां 22 चिताएं जलीं। शाम 4:30 बजे यहां 8 चिताएं जमीन पर जल रहीं थीं और 12 शव का अंतिम संस्कार गैस शवदाह गृह में किया गया। यहां अब रात में भी मृतकाें के अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं।

शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए उनके 3 से 4 परिजन पहुंच रहे हैं। वह भी इतने डरे सहमे हैं कि सभी पीपीई किट पहने हुए दिखे। वेदी और उनके नीचे जगह कम पड़ी तो 8 शवों के अंतिम संस्कार रास्ते पर चिता बनाकर किया गया। मृतकाें के परिजन इस बात से दुखी थे कि वे अंतिम संस्कार भी परंपराओं के अनुसार नहीं कर पा रहे हैं।

यहां तैनात कर्मचारियाें काे न खाने का समय है और न आराम का

कोविड मृतकाें के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी निगम कर्मचारियों की है। यहां तैनात सोनू चौबे, नरेंद्र गौड़ और लक्ष्मीनारायण गैस शवदाह गृह में अंतिम संस्कार करवा रहे हैं। उनका कहना था कि सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक अंतिम संस्कार करवाते हैं। न खाने का समय है और न आराम कर सकते हैं।

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