भोपाल, ग्वालियर के दो-दो और उज्जैन के एक डॉक्टर, दूसरी लहर में 10 की जा चुकी है जान
प्रदेश में मंगलवार को पांच डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो गई है। इनमें दो भोपाल, दो ग्वालियर और एक उज्जैन के डॉक्टर शामिल हैं। भोपाल में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. गुरदीप सिंह 24 अप्रैल को कोविड संक्रमित हुए थे। उनका नेशनल अस्पताल में इलाज चल रहा था। भोपाल के ही डॉ. उदय सिंह की मौत चिरायु अस्पताल में हुई। वे 23 अप्रैल को चिरायु में भर्ती हुए थे।
डॉ. सिंह जवाहर लाल नेहरू गैस राहत अस्पताल में डेंटल सर्जन के पद पर कार्यरत थे। ग्वालियर में जीआरएमसमी के पीएसएम विभाग की डिमांस्ट्रेटर डॉ. अपेक्षा भाले और जेएएच की कैजुअल्टी में पदस्थ ड्यूटी सीएमओ डॉ. देवेंद्र सिंघारे भी कोरोना से मौत हो गई।
दोनों ही 6 मई को संक्रमण का शिकार हुए थे। तभी से सुपर स्पेशियलिटी में इलाज चल रहा था। डॉ. भाले वैक्सीन का पहला डोज लगवा चुकी थीं। दूसरा डोज लगने से पहले ही वे संक्रमण की शिकार हो गईं। उन्हें कैंसर और किडनी संबंधी बीमारी भी थी। डॉ. सिंघारे को एक भी टीका नहीं लगा था।
उज्जैन वरिष्ठ सर्जन 78 साल के डॉ. केके कंवल की इंदौर में जान चली गई। वे 29 अप्रैल को पॉजिटिव पाए गए थे। इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। प्रदेश में दूसरी लहर में अब तक 10 डॉक्टरों की जान जा चुकी है।
दूसरी लहर में 270 डाॅक्टराें की माैत
आईएमए ने कहा है कि काेराेना की दूसरी लहर में अब तक 270 डाॅक्टराें की माैत हाे चुकी है। सबसे ज्यादा 78 की माैत बिहार में, इसके बाद यूपी में 37 व दिल्ली में 28 डॉक्टरों की जान गई है। मध्य प्रदेश में इस दूसरी लहर में 10 डाॅक्टराें की जान गई है।


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