61 दिनाें में 26 हजार मौतें; अप्रैल में हर घंटे 27 अंतिम संस्कार हुए, मार्च में 18, आंकड़े छिपाने में इंदौर आगे
2021 का अप्रैल प्रदेश के लिए सबसे डरावना महीना रहा है। सबसे ज्यादा 21601 अंतिम संस्कार इसी महीने हुए। यदि इसमें मार्च की 4798 मौतें जोड़ लें तो मार्च-अप्रैल के 61 दिनों 26399 अंतिम संस्कार हुए। इनमें कोरोना से जान गंवाने वाले 11467 लोग हैं। सरकारी आंकड़े चाहे जो कहें, लेकिन प्रदेश के इतिहास में इतनी मौतें पहले कभी नहीं हुई।
यह आंकड़ा 26 जिलों के प्रमुख मुक्तिधामों एवं कब्रिस्तानों का ही है, क्योंकि बाकी जिलों में रिकॉर्ड का सिस्टम बहुत ही खराब है। 52 जिलों के सभी मुक्तिधामों और कब्रिस्तानों का आंकड़ा इससे कई गुना बड़ा होगा। इन 26 जिलों में अप्रैल में सबसे ज्यादा 10599 तो मार्च में 868 शवों का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार हुआ। देवास, नीमच, मंदसौर शिवपुरी, बुरहानपुर, झाबुआ, छतरपुर, ऐसे शहर हैं, जहां मार्च में एक भी कोविड शवों का अंतिम संस्कार होना दर्ज नहीं है। जबकि अप्रैल में इनमें से प्रत्येक में 50 से ज्यादा कोविड अंतिम संस्कार हुए।
सरकारी झूठ की पराकाष्ठा; सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि दो महीने में नॉन कोविड मौतें दो गुना से ज्यादा बढ़ी हैं। लेकिन, इन मौतों का कारण क्या है यह सरकार नहीं बताती है। सरकार के पास इस बात का भी कोई जवाब नहीं है कि भोपाल में मार्च में जो 912 नॉन कोविड मौतें हुईं, वो अप्रैल में क्यों 2758 हो गईं। इसी तरह इंदौर में जो आंकडा 745 था, वह क्यों 2378 पर पहुंच गया।
अप्रैल में भोपाल का हाल सबसे बदतर; कोरोना से मौतों की बात करें तो अप्रैल में भोपाल में 2675 शवों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया जबकि इंदौर में 2259 शव मुक्तिधामों में पहुंचे। मार्च में यह आंकड़ा उल्टा था। भोपाल में 165 लोगों का कोरोना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार हुआ, जबकि इंदौर में 306 शव पहुंचे थे।
भोपाल में सबसे ज्यादा 6510 मौतें, इनमें 2840 कोविड शव थे, झाबुआ में दो महीनों में एक भी कोविड मौत दर्ज नहीं
ग्वालियर; कोविड से मौतों की सबसे तेज रफ्तार यहीं
ग्वालियर में भी हालात अप्रैल में सर्वाधिक बिगड़े। यहां मार्च में सिर्फ 12 कोविड शवों का अंतिम संस्कार हुआ। जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा बढ़कर 565 हो गया। यानी 31 दिन में 47 गुना शव बढ़ गए। हालांकि नॉन कोविड शव बढ़ने की संख्या धीमी ही रही। दोनों महीनों में इसमें 208 शवों का अंतर है।
जबलपुर; मार्च में 115, अप्रैल में 1257% ज्यादा
अप्रैल में सबसे तेजी से कोविड मौतें जबलपुर में बढ़ीं। यहां के श्मशानों-कब्रिस्तानों में मार्च में 115 कोविड शव पहुंचे थे, जो अप्रैल में 1561 हो गए। यानी 31 दिन में 1257% शव बढ़े। छिंदवाड़ा में भी रफ्तार कुछ ऐसी ही रही। यहां मार्च में 72 शवों का कोविड अंतिम संस्कार हुआ, जबकि अप्रैल में ये आंकड़ा बढ़कर 971 हो गया।
इंदौर; मौत के आंकड़े छिपाने के लिए मुक्तिधाम और श्मशानों से गायब किए रजिस्टर
इंदौर में मौत के आंकड़े छिपाने का काम पिछले एक साल से चल रहा है। जन्म-मृत्यु विभाग ने शहर के 27 मुक्तिधाम और 24 कब्रिस्तान में रखे रजिस्टर हटवा दिए हैं। यहां कर्मचारियों से प्रतिदिन का ही आंकड़ा ले लिया जाता है, जिसकी इंट्री विभाग में ही की जाती है। फिर निगम से लोगों को ऑनलाइन जन्म और मृत्यु सर्टिफिकेट जारी हो जाते हैं, लेकिन इसका रिकॉर्ड नहीं दिया जाता। हर बार कोरोना कर्फ्यू जैसे कारण बताकर इनकार कर देते हैं।
(सीधी बात; लोकेंद्र सिंह सोलंकी, उपायुक्त जन्म-मृत्यु पंजीयन विभाग)


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