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ग्वालियर मासिक पास वाले एक फास्टैग पर निकालते हैं 3-3 गाड़ियां, रिकॉर्ड में दो वाहनों की कोई डिटेल तक नहीं, टैक्स चोरी के साथ सुरक्षा से भी हो रही खिलवाड़



 ग्वालियर में फास्टैग कार्ड भी चूना लगाने का जरिया बन गया है। जो लोग टोल के आसपास रहते हैं। उन्हें 285 रुपए में मंथली पास मिलता है। पर यह लोग कार पर फास्टैग कार्ड को चिपकाते नहीं हैं बल्कि हाथ में लेकर चलते हैं। एक गाड़ी निकालने के बाद इनका साथी जाता है और पीछे आ रहे अपने दूसरे साथी को यही फास्टैग कार्ड पकड़ा देता है।

इस तरह से एक बार में तीन या चार वाहन निकाल ले जाते हैं। फास्टैग 15 में चाहे जितनी बार यूज कर लो, एक बार ही टैक्स कटता है। इसमें होता यह है कि सिर्फ एक वाहन का टैक्स ही कार्ड से कटता है, जबकि तीन वाहन टैक्स चोरी कर निकल जाते हैं। राजस्व चोरी के साथ ही जो तीन वाहन निकले हैं उनका कोई रिकॉर्ड टोल कंपनी के पास नहीं होता, क्योंकि फास्टैग जिस वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर पर बना है सिर्फ उसी का नंबर रिकॉर्ड में आता है। हाल ही में ग्वालियर के मेहरा टोल पर इस तरह की कई शिकायतें सामने आई हैं।

ग्वालियर में इन दिनों सभी टोल पर फास्टैग से टोल कंपनी को टैक्स चोरी कर चूना लगाने का खेल चल रहा है। यह राजस्व चोरी और सुरक्षा से खिलवाड़ का खेल मंथली पास वाले या यहां से निकलने वाले अन्य वाहन सवार करते हैं। तरीका एक फास्टैग पर कई वाहन निकाल देना या फिर एक वाहन पर एक से ज्यादा फास्टैग लगाकर फास्टैग सेंसर को चकमा देना होता है। इतना ही नहीं कई बार तो ऐसा भी होता है कि जिस वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर पर बने फास्टैग से टोल टैक्स कटता है वह NHAI (नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया) के दफ्तर में टोल कंपनी की शिकायत करते हैं कि उनकी गाड़ी वहां से निकली नहीं है और टैक्स काट लिया। इससे हर दिन शहर के टोल पर झगड़े की संभावना बन रही है। हाल ही में ग्वालियर के सिरोल रोड स्थित मेहरा टोल पर इस तरह के मामले बढ़े हैं। फास्टैग का मिस यूज करने वालों से सिक्युरिटी कुछ कहे तो झगड़ा करने लगते हैं। बीते सात दिन में 5 बार झगड़े की नौबत आ चुकी है।

ऐसे करते हैं टोल टैक्स चोरी

  • उदाहरण के लिए ऐसे समझे जैसे राकेश टोल बैरियर के एक किलोमीटर के एरिया में रहता है। उसे वहां से बार-बार निकलना होता है। इसलिए उसने 285 रुपए में टोल कंपनी से मासिक पास बनवाया है। उसकी कार पर फास्टैग कार्ड चिपका होना चाहिए। उसके वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर कंपनी के रिकॉर्ड में सेव है। पर राकेश ने कार पर फास्टैग नहीं चिपकाया है। वह जब भी निकलता है तो हाथ में कार्ड को लेकर सेंसर के सामने कर देता है। जिससे वह निकल जाता है। पर इसके बाद वह कुछ दूरी पर गाड़ी रोककर पीछे आ रहे दूसरे अपने अन्य वाहनों को यही कार्ड दे देता है। इस तरह वह 3 से 4 वाहन एक ही कार्ड पर निकाल ले जाते हैं। एक फास्टैग कार्ड से 15 मिनट में दो बार पैसे कट नही होते हैं। न ही यह धोखाधड़ी आसानी से पकड़ में आती है। पकड़ भी जाएं तो झगड़ा करने पर उतर आते हैं।

    • मेहरा टोल के मैनेजर सुनील सिंह यादव ने बताया कि कई वाहन ऐसे भी निकलते हैं जिन पर जो फास्टैग लगा होता है वह किसी अन्य वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर पर बना होता है। टोल से गुजरते समय रिकॉर्ड में उस वाहन की डिटेल आती है जिसके रजिस्ट्रेशन नंबर पर फास्टैग कार्ड होता है। जबकि जो वाहन उस समय वहां से गुजर रहा होता है उसका कोई रिकॉर्ड नहीं होता। यह सुरक्षा से बहुत बड़ी खिलवाड़ है। यह वाहन किसी घटना में शामिल हो सकता है या आगे जाकर कोई घटना कर सकता है। ऐसे में जब पुलिस उसे तलाश करते आएगी तो उसका कोई रिकॉर्ड कंपनी नहीं दे पाएगी। सिर्फ CCTV कैमरे की फुटेज में ही वाहन नजर आ सकता है। यहां एक परेशानी और भी है बीते एक महीने में NHAI में पांच ऐसे लोगों ने शिकायत की है जिनका कहना है कि उनकी गाड़ी घर पर है और फास्टैग से पैसा कट गया।

    हर दिन गुजरते हैं 12 से 14 हजार वाहन

    • ग्वालियर बायपास से MP, UP व राजस्थान के लिए निकलने वाले वाहन गुजरते हैं। इस बायपास पर सिरोल एरिया में मेहरा टोल है। जहां से सामान्य दिनों में 12 से 14 हजार वाहन हर दिन निकलते हैं। अभी कोविड पीरियड में यह संख्या घटकर हर दिन 10 हजार वाहनों पर आ गई है। जिसमें 1500 से 1800 कार होती हैं। शेष अन्य वाहन व ट्रक होते हैं। इनमें मासिक पास वाले वाहनों की संख्या लगभग 200 है।

    क्या है टोल टैक्स की दर

    वाहन का प्रकार

    फास्टैग से टोल

    24 घंटे में लौटने पर

    नकद

    4 पहिया वाहन

    80

    45

    160

    2 एक्सल वाहन

    280

    145

    560

    3 एक्सल वाहन

    305

    155

    610

    अन्य बड़े वाहन

    435

    225

    870

    हर दिन हो रहे झगड़े

    • मेहरा टोल के कर्मचारी बताते हैं कि यह हाल किसी एक टोल का नहीं है। हर टोल पर इस तरह के वाहन गुजरते हैं। जब उन्हें रोका जाए तो हंगामा करते हैं। टोल पर बिना वजह का जाम लगाते हैं। जिससे अन्न लोग परेशान होते हैं। बार-बार पुलिस बुलानी पड़ती है। यहां काम करने वालों की जान को खतरा बना रहता है।

    लोग फास्टैग का भी गलत उपयोग कर रहे हैं

    • लोगों का समझना चाहिए कि फास्टैग उनकी सुविधा के लिए है, लेकिन वह इसका भी गलत फायदा उठा रहे हैं। इस तरह वह टोल टैक्स चोरी कर राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर भी खिलवाड़ करते हैं।

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