भोपाल आर्मी से रिटायर होने के बाद केनरा बैंक में गार्ड की नौकरी कर रहे पूर्व सैनिक ने मदद और मुनाफे का लालच देकर कई किसानों, व्यापारियों और सीआरपीएफ से रिटायर्ड सैनिक के साथ 6.96 करोड़ की ठगी कर ली। मामला भोपाल के बंगरसिया क्षेत्र की केनरा बैंक शाखा का है। ठग सैनिक का नाम गणेश प्रसाद पाठक है। वह 15 जून से गायब है।
गणेश प्रसाद पाठक मूल रूप से रीवा मऊगंज का रहने वाला है। 2017 से बंगरसिया स्थित केनरा बैंक में गार्ड है। दो साल पहले पाठक ने खाताधारकों से यह कहकर पैसा मांगना शुरू कर दिया कि किसी किसान को उसकी केसीसी (छोटे कर्ज) का पैसा चुकाना है, लेकिन उसके पास कुछ रुपए कम पड़ रहे हैं। यदि आप मदद कर दोगे तो बदले में आपको भी 5% तक कमीशन मिल सकता है। बैंक में स्थायी गार्ड होने के कारण लोग उसके भरोसे में आ गए। शुरुआत में वह रुपए लौटाता और वापिस ले लेता।
धीरे-धीरे अमाउंट बढ़ाता गया और इस साल जनवरी से जून तक उसने सैनिक, किसान और व्यापारी से करीब 6.96 करोड़ रुपए वसूले और गायब हो गया। जब लोगों ने शिकायत की तो पाठक ने उन्हें कॉल करना शुरू कर दिया और कहा कि तुम लिखकर दो कि मैंने नहीं, बल्कि मैनेजर ने पैसे लिए थे। ऐसा करोगे तो पैसे लौटा दूंगा। मैनेजर से बात करने की हमने कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इधर, केनरा बैंक के रीजनल हेड सत्यजीत कुमार का कहना है कि हमारे पास पुलिस और ब्रांच से लिखित में शिकायत आई थी। हमने जवाब दे दिया है
थाने के भी चक्कर लगवाए...पुलिस ने पीड़ितों से लिखवाया...अब गार्ड को परेशान नहीं करेंगे
कुछ पीड़ित पाठक के आयोध्या बायपास रोड स्थित उसके घर पहुंचे और पैसे मांगे, तो उसने थाने में शिकायत कर दी। पुलिस वालों ने माधव, संदीप शुक्ला, भास्कर राव, अशोक तिवारी और श्याम सिंह को थाने बुला लिया और कहा- हम पाठक को रेल की पटरी से लेकर आए हैं। उसका कहना है कि तुम उसे परेशान कर रहे हो, वह आत्महत्या कर लेगा। इसके बाद पुलिस ने बकायदा उनसे लिखवाया कि वे अब दोबारा पाठक को परेशान नहीं करेंगे।
घर-घर जाकर स्कीम का देता था लालच
पाठक शाम को आर्मी कलर की बुलेट से लोगों से मिलने के लिए निकलता था। घर-घर जाकर स्कीम समझाता था। उसकी गाड़ी में कई बार महंगी शराब रखी होती थी। जब लोग शिकायत करने थाने पहुंचे तो सब एक-दूसरे के परिचित निकले।
बेटे ने कहा बैंक के लोग शामिल...
पापा बीमार हैं,बात नहीं कर सकते। लेनदेन में बैंक के लोग शामिल थे। बैंक अफसरों के कहने पर ही पापा को पैसे दिए हैं


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