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संभालिए स्कूलों की चाबियां निरीक्षण के नाम पर आपके अधिकारी कर रहे परेशान

 


आखिर कब तक हम परेशानियों का दंश झेलें। सरकार द्वारा पिछले 2 साल से लगाई गई स्कूलों पर तालाबंदी से न केवल स्कूल संचालकों के आर्थिक हालात बिगड़े हैं, वरन स्टाफ को भी इससे बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा है। बच्चों को भी मोबाइल की पढ़ाई समझ में नहीं आ रही है,यही कारण है कि अभिभावक भी अब स्कूल खोलने का दबाव स्कूल संचालकों पर बना रहे हैं। फिर सरकार ऐसे में हम लोगों के विपरीत क्यों जा रही है।जब सब कुछ खुल गया तो स्कूल बंद क्यों। रविवार को भी आप बाजार खोल चुके, लॉक डाउन खत्म कर चुके हैं, फिर निजी स्कूल संचालकों पर पाबंदी क्यों। इतना कहकर निजी स्कूल संचालकों ने अपने-अपने स्कूलों की चाबियां डीइओ दीपक पांडेय को सौंपते हुए कहा कि अब वहां की व्यवस्थाएं आप ही संभालो। दरअसल चाबी सौंपने के पीछे निजी स्कूल संचालकों की अपनी परेशानी तो है ही, इसके साथ साथ वह इसलिए भी परेशान है क्योंकि लगातार स्कूल बंद रहने से शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी मान्यता नवीनीकरण के लिए निरीक्षण और परीक्षण कराए जा रहे हैं। स्कूल बंद होने से निरीक्षण कार्य हो नहीं पा रहा। अधिकारियों द्वारा स्कूल संचालकों को निरीक्षण के नाम पर दबाव बनाया जा रहा है। जिससे वह मानसिक रूप से परेशान है। ऐसे में उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम कलेक्टोरेट में प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया को सौंपे ज्ञापन दिया। जिसमे में कहा गया कि जिस प्रकार वर्ष 2020 -21 और 21- 22 की मान्यता का नवीनीकरण विभाग द्वारा कर दिया है। उसी प्रकार कक्षा 1 से 12 तक वर्ष 2022- 23 से 24-25 तक की मान्यता का नवीनीकरण भी बिना किसी निरीक्षण के किया जाए। इसके साथ ही मान्यता और संबद्धता का शुल्क माफ किया जाए। 28 जून को राज्य सरकार द्वारा जो स्कूल न खोलने का निर्णय लिया गया है, वह ना तो बालकों के हित में है, और ना ही पालकों के हित में हैं। स्कूल संचालक और टीचर भी इससे परेशान है। इसलिए इस निर्णय में सरकार को बदलाव कर 15 जुलाई से हमारे स्कूल शुरू करना चाहिए ।

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