भोपाल जैसे शहरों में मेट्रो अनुपयोगी है। साथ ही यहां बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) इसलिए सफल नहीं है, क्योंकि डेडिकेटेड कॉरिडोर अधूरा है। एयरपोर्ट से माता मंदिर तक शहर के ट्रैफिक और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है।
न्यू मार्केट और लिंक रोड नंबर एक जैसे इलाकों में कॉरिडोर नहीं होने से लो फ्लोर बसों की स्पीड कम हो जाती है। इससे एक से दूसरे स्थान पर जाने में समय भी अधिक लगता है, साथ ही कई बार ट्रैफिक जाम के हालात भी बनते हैं। लालघाटी चौराहे पर ग्रेड सेपरेटर के कारण भी कई दिक्कते हैं। जमीन उपलब्ध नहीं होने और अतिक्रमण के चलते यहां जैसा भी स्ट्रक्चर बना है, उसी के हिसाब से अब ट्रैफिक प्लान किया जाना चाहिए। इसके लिए ट्रैफिक के नेचर का सर्वे करना होगा। भोपाल में जिस तरह की स्थितियां हैं, उसके हिसाब से यहां मेट्रो अनुपयोगी ही साबित होगी। यहां के जिम्मेदारों को मेट्रो के बजाय बस ट्रांसपोर्ट की ओर अपना फोेकस रखना चाहिए। जब लोगों को भरोसा होगा कि उन्हें बस सही समय पर मिल जाएगी तो वो खुद ही इनका उपयोग करने लगेंगे। अभी जो हालात हैं, उन्हें देखकर अभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है।
मेट्रो को नहीं मिलेगी सवारी बस ट्रांसपोर्ट पर करें फोकस
भोपाल जैसे शहरों में मेट्रो को सवारी नहीं मिलेगी। अब तक मेट्रो देश में केवल दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू जैसे शहरों में ही सफल हो पाई है। भोपाल को मेट्रो पर फोकस करने की बजाय बस ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि लोगों को सहूलियत हो।
फ्लाईओवर समस्या को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करते हैं
आर्च ब्रिज, हबीबगंज आरओबी और बावड़ियाकलां आरओबी जैसे फ्लाईओवर बन जाने के बाद भी ट्रैफिक समस्या बरकरार है। दरअसल फ्लाईओवर ट्रैफिक समस्या को हल नहीं करते बल्कि उसे एक जंक्शन से दूसरे जंक्शन पर शिफ्ट करते हैं। एक फ्लाईओवर के बाद दूसरा और दूसरे के बाद तीसरा फ्लाईओवर बनाना पड़ता है। जब उन्हें बताया गया कि आर्च ब्रिज के कारण किलोल पार्क पर ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है और वह ब्रिज अनुपयोगी हो गया है।
फ्लाईओवर समस्या को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करते हैं
आर्च ब्रिज, हबीबगंज आरओबी और बावड़ियाकलां आरओबी जैसे फ्लाईओवर बन जाने के बाद भी ट्रैफिक समस्या बरकरार है। दरअसल फ्लाईओवर ट्रैफिक समस्या को हल नहीं करते बल्कि उसे एक जंक्शन से दूसरे जंक्शन पर शिफ्ट करते हैं। एक फ्लाईओवर के बाद दूसरा और दूसरे के बाद तीसरा फ्लाईओवर बनाना पड़ता है। जब उन्हें बताया गया कि आर्च ब्रिज के कारण किलोल पार्क पर ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है और वह ब्रिज अनुपयोगी हो गया है।
हकीकत यह भी...अरबन ट्रांसपोर्ट के मामले में देश के 20 शहरों में भोपाल का नंबर 15 वां
आईटीपीआई के सेमिनार को संबोधित करते हुए शिवानंद स्वामी ने कहा कि अरबन ट्रांसपोर्ट के मामले में देश के 20 शहरों में भोपाल 15 वें नंबर पर है। स्वामी ने दस पैरामीटर पर देश के 20 शहरों के अरबन ट्रांसपोर्ट की स्टडी की और एक इंडेक्स बनाया। इसमें सूरत नंबर 1 पर और भोपाल 15 वें नंबर पर है। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल के डायरेक्टर एन श्रीधरन ने कहा कि भोपाल का मास्टर प्लान जल्द जारी होने की जरूरत है। आईटीपीआई के नेशनल प्रेसीडेंट एनके पटेल ने गुजरात की लैंड पुलिंग स्कीम के बारे में बताया। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने माना कि पिछले दस साल में शहर में ट्रैफिक समस्या बढ़ी है। स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ आदित्य सिंह, आईटीपीआई मप्र के चेयरमैन डॉ. शुभाशीष बैनर्जी और सेक्रेटरी डॉ. शीतल शर्मा ने भी संबोधित किया।

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