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शिवपुरी : पटवारी नहीं कर रहे फसल नुकसान का सर्वे, अब सेवा समाप्ति की तैयारी

                    

                    बिजी गांव में किसानों की फसल सिंध नदी में आई बाढ़ के कारण रह गई है, किसान सर्वे की मांग कर रहे हैं।

फसल सर्वे नहीं होने से किसानों पर संकट, मुआवजा मिलने में होगी देरी 

अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण जिलेभर में किसानों की हजारों हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गईं हैं लेकिन पटवारियों की हड़ताल के कारण फसलों का सर्वे नहीं हो पा रहा है। आपदा के समय पटवारियों की जिद को देखते हुए सरकार भी सख्त हो गई है। सर्वे से इनकार करने वाले परिवीक्षाधीन पटवारियों को चिह्नित कर सेवा समाप्ति की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जिले के सभी एसडीएम को पत्र जारी कर परिवीक्षाधीन पटवारियों की जानकार मांगी गई है।

अतिवृष्टि के साथ सिंध, पार्वती और कूनो नदी में आई बाढ़ के कारण आसपास बसे गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। नदी किनारे मौजूद खेतों की फसल जड़ सहित उखड़कर बह गई है। खेतों की उपजाऊ मिट्‌टी तक नहीं बची है। वहीं कई जगहों पर पानी भरने से फसलें नष्ट हो गईं हैं। अतिवृष्टि व बाढ़ के 17 दिन बाद भी वास्तविक फसल नुकसान अभी तक सामने नहीं आ सका है। पटवारी अपनी मांगों को लेकर जिद पर अढ़े हैं। सरकार को सेवा समाप्ति की कार्रवाई के निर्देश जारी करने पड़े हैं। हालांकि कार्रवाई से पहले पटवारियों को बुलाकर समझाने को कहा है।

नरवर और बैराड़ तहसील के गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित

जिले में अतिवृष्टि के दौरान सबसे ज्यादा बारिश पोहरी, बैराड़ और शिवपुरी में दर्ज हुई है। पार्वती नदी की बाढ़ से बैराड़ तहसील के प्रभावित हुए। इसी तरह सिंध नदी में बाढ़ से मड़ीखेड़ा बांध से दस हजार क्यूमैक्स पानी छोड़ने के बाद नरवर तहसील के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। इसके अलावा बदरवास व कोलारस तहसील के गांव और पोहरी के छर्च क्षेत्र के गांव कूनो नदी की बाढ़ से प्रभावित रहे। यहां खेतों की फसलें पूरी तरह तबाह हो गईं हैं।

सिर्फ गृहस्थी, मकान के नुकसान का सर्वे किया: हड़ताल के दौरान पटवारी सिर्फ बाढ़ में बही गृहस्थी, मकान, पशु हानि आदि के नुकसान का सर्वे कर रहे हैं। मानव संवेदना से जुड़ा मामला समझकर उक्त सर्वे करने की बात पटवारी संगठन द्वारा कही जा रही है। इस आपदा में किसानों की फसलों में हुए नुकसान का सर्वे करने से पटवारी साफ इनकार कर रहे हैं।

प्रशासन ने पटवारियों को समझाया

सरकार द्वारा सेवा समाप्ति की कार्रवाई संबंधी निर्देश जारी होने के बाद कलेक्टर ने पटवारी संघ के पदाधिकारियों को शनिवार शाम बुलवाया और फसल नुकसान का सर्वे शुरू करने की समझाइश दी। परिवीक्षाधीन पटवारियों को भेजकर सर्वे कराने की बात भी प्रशासन ने कही है लेकिन पटवारी संघ पदाधिकारियों ने कहा कि सोमवार को प्रांत व संभाग की वर्चुअल मीटिंग के बाद निर्णय लेंगे। सर्वे नहीं करने पर सरकार ने सेवा समाप्ति की कार्रवाई को कहा है

आपदा के दौरान फसल सर्वे न कर पटवारी हड़ताल पर चले गए हैं। इस मामले में सरकार ने सेवा समाप्ति की कार्रवाई करने के लिए कहा है। कार्रवाई से पहले पटवारियों को बुलाकर समझाइश दे रहे हैं। बात नहीं मानने पर शासन के आदेश अनुसार कार्रवाई करेंगे।
अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर, शिवपुरी

सोमवार को निर्णय लेंगे

पटवारियों की कम वेतन, गृह जिले में पोस्टिंग और सीपीसीटी की अनिवार्यता खत्म करने की तीन प्रमुख मांगे हैं। कम वेतन में पटवारी सारे विभागों का काम करते हैं। सिर्फ मप्र में ही कम ग्रेड-पे दिया जा रहा है। फसल नुकसान का सर्वे करने को लेकर सोमवार को प्रांत व संभाग स्तर की वर्चुअल मीटिंग के बाद निर्णय लेंगे।
गोविंद श्रीवास्तव, अध्यक्ष, पटवारी संघ जिला शिवपुरी

मुआवजा मिलने में देरी होगी

पटवारियों द्वारा आपदा में हुए फसल नुकसान का सर्वे नहीं करने पर इसका सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है। सर्वे में देरी से किसानों को राहत राशि भी देरी से मिल पाएगी। कई किसान छूट भी सकते हैं।

तीन प्रमुख मांगें, जिनके लिए हड़ताल पर गए पटवारी

  • वेतन विसंगति दूर कर ग्रेड-पे 2100 से बढ़ाकर 2800 रुपए करने, मकान भत्ता 258 रु. और यात्रा भत्ता बढ़ाया जाए।
  • अपने घर से सैंकड़ों किमी दूर पदस्थ पटवारियों के तबादल उनके गृह जिलों में किए जाएं।
  • परिवीक्षाधीन पटवारियों के लिए सीपीटीसी की अनिवार्यता खत्म की जाए। वैसे सभी काम ऑनलाइन हो रहे हैं।

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