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घपला:ठेकेदार ने छह लाख रुपए की बिजली जलाई, मंडी प्रशासन ने हैंडओवर लेकर अपने खजाने से भरा बिल

 


शिवपुरी कृषि उपज मंडी शिवपुरी में कर्मचारियों को जुलाई का अभी तक वेतन नहीं मिला है। मंडी के खजाने से उस बिजली बिल का भी भुगतान कर दिया है जिसका पेपर समान आज मंडी में उपयोगी ही नहीं हुआ। दरअसल पिपरिया मंडी का काम जिस ठेकेदार ने लिया उसने 6 लाख से ज्यादा की बिजली खर्च कर दी, लेकिन बिल जमा नहीं कराया और अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से मंडी हैंडओवर ले ली, जो बिजली बिल ठेकेदार को भरना था उसे मंडी समिति के खाते से जमा कराया जा रहा है।

इस तरह अनाज मंडी शिवपुरी में आर्थिक अनियमितता का मामला सामने आया है। मंडी बोर्ड आंचलिक कार्यालय ग्वालियर के कार्यपालन यंत्री सतीश गुप्ता का कहना है कि बिजली बिल से संबंधित मामला शिवपुरी मंडी प्रबंधन का है। उनके द्वारा काम पूरा होने के बाद मंडी हैं डोवर करा दी गई थी। इस मामले में शिवपुरी सचिव आरपी सिंह यह तक बताने को तैयार नहीं है कि मंडी हैं डोवर कब ली गई थी। बता दें कि बकाया बिजली को लेकर एक बार मंडी की लाइट काटी जा चुकी थी लेकिन बाद में थोड़ी-थोड़ी करके रकम जमा की गई और बिजली बहाल हुई। मंडी द्वारा बिल जमा करने पर सीधे तौर पर ठेकेदार को आर्थिक लाभ हुआ है। पेपर जमा मंडी जनवरी 2021 में हैंड ओवर ली गई थी।

प्याज व्यापारियों से बकाया शुल्क नहीं वसूला, कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला

कृषि उपज मंडी शिवपुरी में काम करने वाले कर्मचारियों को जुलाई महीने का अभी तक वेतन नहीं मिल पाया है। जबकि व्यापारियों पर 46000 क्विंटल प्याज का करीब साडे 10.50 लाख रुपए का मंडी टैक्स को वसूला जाना है। अभी तक व्यापारियों से शुल्क नहीं वसूली जाने के कारण कर्मचारियों को भी वेतन नहीं मिल पाया है। क्योंकि मंडी के खाते में वेतन जारी करने के लिए पैसे तक नहीं बचे हैं।

गलती सुधारने व्यापारी के बेटे को नोटिस भेजकर जवाब मांगा

सब्जी व्यापारी भागीरथ कुशवाह पर भावांतर घोटाले संबंधी मामले में करीब 18 लाख की रिकवरी निकल रही है इसलिए भागीरथ कुशवाह की फर्म ब्लैकलिस्टेड है, इसके बाद भी मंडी सचिव शिवपुरी द्वारा व्यापारी के बेटे सत्यम कुशवाह का लाइसेंस मार्च 2021 में बना दिया। गलत लाइसेंस मामले में खुलासा होने के बाद सचिव ने कुछ दिन पहले ही सत्यम कुशवाह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई का उल्लेख है। यानी लाइसेंस खुद ही जारी कर सचिव अपनी गलती सुधारते नजर आ रहे हैं। वही मंडी बोर्ड द्वारा अभी तक बाबू व सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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