भोपाल राजधानी के प्रतिष्ठित भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव की वोटिंग डेट खर्च होने वाले रुपयों की वजह से अटक गई है। चैंबर के बैंक चेक पर कार्यवाहक अध्यक्ष के हस्ताक्षर न होने से चुनाव अधिकारी वोटिंग और काउंटिंग से जुड़ी तैयारियां नहीं कर पा रहे हैं। इसके चलते उन्होंने कार्यवाहक अध्यक्ष ललित जैन को चिट्ठी लिखी है, ताकि वे हस्ताक्षर कर दें। वरना चुनाव अधिकारी हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश कर देंगे।
चैंबर के चुनाव की तारीख 3 पर टाली जा चुकी है। आखिरी बार चुनाव 14 नवंबर को तय थे, लेकिन PM नरेंद्र मोदी के दौरे के चलते चुनाव नहीं हो सके थे। वहीं, खर्च की राशि भी चुनाव अधिकारियों को नहीं मिली थी।
इन्हें दी है चुनाव की जिम्मेदारी
9 नवंबर को जबलपुर हाईकोर्ट ने चैंबर के कार्यवाहक अध्यक्ष जैन की याचिका पर सुनवाई की थी। जैन ने सचिव मुकेश सेन के चुनाव अधिकारी होने पर सवाल उठाते हुए 14 नवंबर को घोषित चुनाव पर रोक लगाने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने चुनाव अधिकारी सेन को चुनाव कार्यक्रम से बाहर करने के आदेश जरूर दिए, लेकिन चुनाव पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। साथ ही वरिष्ठ अभिभाषक रोहित श्रोती, आकाश तेलंग और आंशुल अग्रवाल को सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया था।
अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव के होते हैं हस्ताक्षर
चैंबर के बैंक अकाउंट से राशि निकालने के लिए अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद ही राशि निकाली जा चुकी है। वर्तमान में चैंबर के खाते में डेढ़ लाख से ज्यादा रुपए जमा है। चुनाव अधिकारियों ने 10 नवंबर को सचिव सेन को पत्र लिखकर राशि, प्रभार और दस्तावेज देने को कहा था। इसके बाद सचिव और कोषाध्यक्ष ने बैंक चेक पर हस्ताक्षर कर दिए, लेकिन अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं हो सके।
चुनाव अधिकारी श्रोती ने बताया, वोटिंग और काउंटिंग कराने के लिए परिसर, नए मतपत्र समेत अन्य तैयारियों को लेकर राशि की आवश्यकता है। सचिव ने चेक पर कार्यवाहक अध्यक्ष के हस्ताक्षर न होने की बात बताई है। इस पर कार्यवाहक अध्यक्ष जैन को चिट्ठी लिखकर राशि की मांग की गई है।
तीन बार घोषित हो चुकी चुनाव की तारीखें
चैंबर के चुनाव पहले 29 अगस्त को होने वाले थे, लेकिन 26 अगस्त को SDM मनोज उपाध्याय ने कोविड गाइडलाइन का हवाला देकर चुनाव पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कलेक्टर के कथित मौखिक आश्वासन का हवाला देते हुए मुकेश सेन ने 12 सितंबर को दूसरी तिथि घोषित की, लेकिन पर्यूषण पर्व का हवाला देते हुए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने कार्यवाहक अध्यक्ष जैन के साथ चैंबर भवन पर कब्जा जमा लिया था। वहीं, सेन से इस्तीफा ले लिया गया।
विवाद होने के बाद चुनाव अधर में लटक गए। इसके बाद चैंबर के सदस्य कृष्ण गोपाल गट्टानी ने हाइकोर्ट की शरण ली थी। फिर चुनाव 14 नवंबर को कराए जाना तय हुआ, लेकिन सेन के चुनाव अधिकारी पद से हटाने और नए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति होने के कारण चुनाव की नई तारीख घोषित नहीं हो पाई है।
4 पैनल के बीच मुकाबला
प्रस्तावित चुनाव में परिवर्तन, सद्भावना, प्रगतिशील एवं व्यापारी का साथ, सबका विकास पैनल के 55 प्रत्याशी मैदान में हैं। वे 24 पदों के लिए चुनाव लड़ रहे थे। इनमें अध्यक्ष समेत 3 उपाध्यक्ष, 1 महामंत्री, 2 मंत्री, 1 कोषाध्यक्ष, 1 सह-कोषाध्यक्ष और 15 कार्यकारिणी शामिल हैं। हालांकि परिवर्तन, सद्भावना एवं प्रगतिशील पैनल के बीच मुख्य मुकाबला था। भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चुनाव तीन बार टल चुके हैं। 8 सितंबर को चैंबर के ऑफिस में हंगामा भी हुआ था।
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