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शिवपुरी के एक युवा ने मिसाल कायम , पुरानी कुर्तियां (प्रथा) को खत्म वर्तमान युग मैं बना हम सफर

 


शिवपुरी। जमाना तेजी से बदल रहा है और इस जमाने में लोग रिश्तों की अहमियत को समझ रहे है और पुराने रीति-रिवाजों को न मानकर खुद अपनी राह बना रहे हैं। ऐसा ही कुछ नवाब साहब रोड निवासी शिक्षक अशोक चौधरी के बेटे सूरज का 2018 में फतेहपुर सीकरी की सपना चौधरी से विवाह हुआ था। इनके घर बेटी हुई जिसे आरू उर्फ जीविका नाम दिया। अप्रैल में सूरज कोरोना संक्रमित हो गया, उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

इसके बाद भाई मनोज चौधरी, पिता अशोक चौधरी, सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी दादा सरदार सिंह और सपना की तो दुनिया ही उजड़ गई। बहू की रोनी सूरत अजिया ससुर सरदार सिंह चौधरी और सास-ससुर देखते थे तो वे भी रो पड़ते थे।

सपना के परिवार ने उसके दूसरे विवाह का विचार बनाया तो ससुराल वाले बोले हम अपना बेटा खो चुके हैं। अब बहू और पोती को खोना नहीं चाहते। इसलिए सूरज के छोटे भाई मनोज से सपना का ब्याह करने का विचार बनाया। माता-पिता की जिद के आगे मनोज और सपना को सहमति देना पड़ी। जिस दिन पोती का पहला जन्मदिन आया उसी दिन दोनों की शादी कर दी, ताकि दोनों को नया जीवन मिले और पोती को पिता।

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