बच्चों के बेहतर भविष्य के होंगे प्रयास,उन्हें स्कूल से जोड़ेंगे
सड़क पर भीख मांगने वाले, दुकानों और कारखानों में काम करने वाले बच्चों को चिन्हित करने के लिए प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान कबाड़- पन्नी बीनने वाले,भीख मांगने वाले एवं दुकानों पर काम करने वाले 27 बच्चों को चिन्हित किया गया है। चिन्हित बच्चों का पूरा डाटाबेस तैयार किया जा रहा है,ताकि उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रयास किया जा सके।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशन में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा स्ट्रीट चिल्ड्रन का सर्वेक्षण कर उनके पुनर्वास हेतु प्रयासों के संबंध में कार्ययोजना तैयार की गई थी। उसी कार्ययोजना के अनुसार बच्चों के चिन्हित करने हेतु जिला स्तर पर सर्वेदल का गठन किया गया। दल में महिला एवं बाल विकास, विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति एवं चाइल्ड लाइन को शामिल किया गया है।23 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान में सर्वेदल ने भीख मांगने वाले, कबाड़ बीनने वाले तथा मजदूरी करने वाले 27 बच्चे चिन्हित किए हैं। इन बच्चों में कबाड़ बीनने वाले 2 बच्चे नशा करते है। जिन्हें बाल कल्याण समिति द्वारा नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया है। अन्य बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की जा रही है। बच्चों को नियोजित करने वाले दुकानदारों को चेतावनी दी गई है तथा भविष्य में बच्चों से काम नहीं करने का वचन पत्र भी लिखाया गया है।
ऐसे बच्चे दिखें तो चाइल्ड लाइन को सूचित करें
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ सुषमा पांडेय ने नागरिकों से अपील की है कि यदि भीख मांगते, कबाड़ बीनते, मजदूरी करते हुए या नशे में लिप्त बच्चे दिखाई दें तो उन्हें समझाकर पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। उन बच्चों की बेहतर भविष्य के लिए प्रयास किये जा सकें इसके लिए उनकी सूचना चाइल्ड लाइन नंबर 1098 पर दें।
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