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MP : कमलनाथ, कांग्रेस के गद्दार MLA की सदस्यता समाप्त नहीं करवा पाए, लीडरशिप पर सवाल

  


खंडवा लोकसभा सीट पर उपचुनाव के समय कांग्रेस पार्टी से गद्दारी करके भारतीय जनता पार्टी का प्रचार करने वाले बड़वाह के विधायक सचिन बिरला की सदस्यता अब तक समाप्त नहीं हो पाई है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के महामहिम एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद पार्टी के गद्दार विधायक की विधानसभा में सदस्यता समाप्त नहीं करवा पाए। सचिन बिरला, पूरी शान के साथ बजट सत्र में शामिल होंगे।

कांग्रेस पार्टी के आवेदन में गलतियां थी, निरस्त हो गया

कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा.गोविंद सिंह ने बताया कि विधायक सचिन बिरला ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बड़वाह के बेड़िया में भाजपा की सदस्यता ले ली थी। अब कांग्रेस का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। हमने उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए आवेदन भी दिया था, जिसे तकनीकी आधार पर निरस्त किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ इस संबंध में विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं। जल्द ही फिर से आवेदन किया जाएगा। 

हमारी लिस्ट में तो सचिन बिरला आज भी कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं: सचिवालय

विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के नेता भले ही कुछ भी बयान देते रहे परंतु, इससे विधायक सचिन बिरला की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। वे तब तक कांग्रेस दल के ही सदस्य माने जाएंगे, जब तक की सदस्यता के संबंध में कोई निर्णय नहीं हो जाता है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से सचिन बिरला की सदस्यता समाप्त करने हेतु विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले आवेदन पत्र दिया गया था लेकिन शायद कांग्रेस पार्टी के नेताओं को विधि के अनुसार आवेदन करना नहीं आता। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने तकनीकी गड़बड़ी के कारण कांग्रेस पार्टी के आवेदन निरस्त कर दिया था। आश्चर्यजनक बात यह है कि तब से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी दूसरी बार आवेदन तक नहीं कर पाई है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो नेता अपनी पार्टी के अपराधियों को दंडित नहीं करवा पा रहा है, यदि वह सत्ता में आ गया तो समाज के अपराधियों और सिस्टम के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कैसे कर पाएगा। यह कमलनाथ की न्यायप्रियता पर सवाल है, जो कांग्रेस पार्टी के अंदर ही उठ रहा है। वैसे भी मंत्रालय में कमलनाथ को 'चलो चलो मुख्यमंत्री' (ज्यादातर मामलों को डालने वाला मुख्यमंत्री) कहा जाता है। 

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