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MP : भावनात्मक श्रद्धांजलि, बेटे ने मां की गोद से छुए पिता के पैर

गुना में शिकारियों की फायरिंग में मारे गए आरोन पुलिस थाने के SI राजकुमार जाटव, आरक्षक नीरज भार्गव और संतराम की अंत्येष्टि शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ की गई। जहां-जहां से जवानों की पार्थिव देह गुजरी, वहां खड़ा हर व्यक्ति उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता रहा। सबसे भावुक करने वाली तस्वीर श्योपुर से सामने आई। जहां संतराम रावत के 8 महीने के मासूम बेटे ने शहीद पिता को मां की गोद से पैर छूकर अंतिम विदाई दी। राजकुमार को डेढ़ साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। नीरज को 12 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी। उनकी पत्नी 6 महीने के गर्भ से हैं

शोकनगर: शहीद राजकुमार ने शहादत से 5 घंटे पहले बेटे से बात की थी

SI राजकुमार जाटव की पार्थिव देह शनिवार दोपहर अशोकनगर पहुंची थी। विदिशा रोड पर दुकानदारों ने दुकानें बंद रख शहीद को श्रद्धांजलि दी। गार्ड ऑफ ऑनर के आधे घंटे बाद अंतिम यात्रा मुक्तिधाम रवाना हुई। डेढ़ साल के बेटे राजदीप ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। अनिल जाटव ने बताया कि शुक्रवार रात 9 बजे भाई ने वीडियो कॉल कर अपने बेटे राजदीप से बात की थी। SI राजकुमार जाटव के पिता आरके जाटव भी पुलिसकर्मी रहे हैं। वे लंबे समय तक गुना में पदस्थ रहे। 28 फरवरी को ही वे कार्यवाहक ASI के पद से रिटायर हुए हैं। उनकी आखिरी पोस्टिंग कुंभराज थाने में रही थी। चाचा घासीराम जाटव भी ASI हैं और ग्वालियर में पदस्थ हैं। राजकुमार की शादी 2019 में ही हुई थी
           राजकुमार की 2019 में ही शादी हुई थी।
    
राजकुमार का बेटा पिता को याद कर बार-बार रो रहा है।

श्योपुर मां और पत्नी शहीद संतराम की पार्थिव देह छोड़ने को तैयार नहीं थी
जब शहीद पिता संतराम की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटकर श्योपुर आई तो उनके 8 महीने के बेटे ने मां की गोद से ही पैर छूकर पिता को अंतिम विदाई दी। श्योपुर की वीरपुर तहसील के गोहर गांव निवासी संतराम के शहीद होने की सूचना मिलते ही पत्नी वर्षा सुध-बुध खो बैठीं। मां विद्या बाई को तो बेटे के जाने का अब तक यकीन नहीं हो रहा। पूरे गांव में मातम था, परिजन पार्थिव देह को देखकर और भावुक हो गए। मां और पत्नी शहीद की देह नहीं छोड़ रही थीं। शहीद जवान को गार्ड ऑफ ऑनर के बाद राजकीय सम्मान से विदाई दी गई

  शहीद पिता संतराम को 8 महीने के बेटे ने कुछ इस तरह विदाई दी

: शहीद नीरज की पत्नी 6 महीने की गर्भवती
नीरज भार्गव की पार्थिव देह जैसे ही गुना के सिसौदिया कॉलोनी स्थित उनके निवास पर पहुंची, पूरी कॉलोनी के लोगों की आंखें नम हो गईं। अंतिम विदाई से पहले उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और फिर शव यात्रा मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई। पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, कलेक्टर फ्रैंक नोबल ए ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने भी मुक्तिधाम पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। 12 साल के बेटे वंश ने उन्हें मुखाग्नि दी। नीरज की पत्नी 6 महीने की गर्भवती हैं और अस्पताल में हैं, इसलिए सूचना नहीं दी। शुक्रवार को ही वे अपनी पत्नी को सोनोग्राफी कराने ले गए थे। शहीद नीरज भार्गव के पिता की भी ऑन ड्यूटी मौत हुई थी। ड्यूटी करते समय उन्हें हार्ट अटैक आ गया था।

चाचा ने बताया कि गुना में ही नीरज ने पत्नी की सोनोग्राफी कराई और ड्यूटी पर जाने का मैसेज आ गया। वहां पहुंचने के बाद उनसे फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि चाचाजी बहुत नींद आ रही है। बहुत थके हुए हैं। रास्ते में आते समय तीन बार मुंह धोया। गाड़ी भी नहीं चलाई जा रही थी। मुंह धोया, तब जाकर थाने पर पहुंच पाया


      नीरज को 12 साल के बेटे वंश ने मुखाग्नि दी।

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