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MP : बगैर अनुमति के शासकीय एवं अशासकीय भवन/परिसर आदि स्थानों पर प्रचार-प्रसार सामग्री लगाना प्रतिबंधित

 
अवैध रूप से सम्पत्तियों को विकृत करने पर होगी कार्यवाही
सम्पत्ति विरूपण के तहत कार्यवाही के लिये बनाये गये लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ते


कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण अधिनियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये। इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन पाये जाने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि बगैर अनुमति के किसी भी शासकीय और अशासकीय भवन और परिसरों तथा अन्य स्थानों पर को प्रचार-प्रसार सामग्री लगाकर विकृत नहीं करें। इस संबंध में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आदेश जारी किये हैं और कार्यवाही के लिये लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ते गठित करने के भी निर्देश दिये हैं। इस संबंध में कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

            मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की धारा-3 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कोई भीजो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याहीखड़ियारंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगावह जुर्माने सेजो एक हजार रुपये तक का हो सकेगादण्डनीय होगा।

            इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की धारा 5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आदेश जारी किया है। जारी आदेश के अनुसार चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है तो ऐसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए तथा चुनावी नारे मिटाने के लिए इन्दौर जिले के समस्त थाना क्षेत्रों में "लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से गठित किया जाये। इस दस्ते में संबंधित स्थानीय निकाय एवं लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ रहेंगे। यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता स्थानीय एसडीएम/ सहा. पुलिस आयुक्त/ तहसीलदार/नायब तहसीलदार टीआई/थाना प्रभारी के सीधे देख-रेख में कार्य करेंगे। इस दस्ते को सहयोग देने के लिए और स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए संबंधित थाने का एक सहायक उप निरीक्षक (पुलिस)पटवारी एवं स्थानीय निकाय के एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जायेगी।

            इस दस्ते को नगरीय ग्रामीण क्षेत्र में अनुभागवार एक-एक वाहन भी उपलब्ध कराया जाये। जिस पर "लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता" का एक बैनर लगा होना चाहिए। लोक निर्माण विभाग द्वारा इस दस्ते को लोक सम्पत्ति को विरूपण से बचाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे गेरूचूनाकूचीबांस एवं सीड़ी आदि उपलब्ध करायी जाये। यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निर्वाचन की समाप्ति तक (एसडीएम/ सहा. पुलिस आयुक्त / तहसीलदार/नायब तहसीलदार टीआई / थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिदिन भ्रमण करते हुए लोक सम्पत्तियों को विरूपित होने से रोकेंगे।

            यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़नेवाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी सम्बन्धित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगे।

            थाना प्रभारी लोक सम्पत्ति विरूपण से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे तथा शिकायत की जांच कर तथ्य सही पाये जाने पर लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करेंगे। विरूपण समाप्त किये जाने में होने वाले व्यय को राजनैतिक दलसंस्था अथवा विरूपण करने वाले व्यक्तियों से तत्काल वसूल किया जावेगा तथा वसूल की गई राशि की जानकारी प्रतिदिन लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जिला दण्डाधिकारी को विहित प्रारूप में सूचित किया जायेगा।

            संबंधित क्षेत्र के एसडीएमएसडीओ (राजस्व) एवं अति. पुलिस आयुक्त/ एसडीओपी की लोक सम्पत्ति विरूपण की रोकथाम के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने की मुख्यतः जवाबदारी होगी। थाना प्रभारी उपरोक्त के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही से सम्बन्धी साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में भेजेगे

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