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कलेक्टर ने युवाओं से किया संवाद:"काम के समय काम, आराम के समय आराम कीजिए'



 शिवपुरी काम करते समय काम और आराम करते समय आराम कीजिए। इससे काम भी अच्छा होगा और आराम भी अच्छा होगा। इसे वे ऑफ लाइफ (जीवन पद्धति) बनाइए। जिंदगी लंबी, नहीं बल्कि जिंदगी बड़ी होनी चाहिए। कई बार मंजिल से ज्यादा सफर रोमांचक होता है। यात्रा के पड़ावों का भी आनंद लिया जाना चाहिए। यह बात कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने युवाओं से संवाद करते हुए नालंदा अकादमी पर कार्यक्रम के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि जिंदगी में बहुत सारी परीक्षाएं हैं। जिंदगी की परीक्षाएं कभी खत्म नहीं होती । जिंदगी में किसी रास्ते पर बहुत दूर चलने के बाद कोई कठिनाई ना आए तो समझिए कि आप गलत रास्ते पर हैं। जिस चीज में लगो उसी में अपने आपको तिरोहित कर दीजिए। उन्होंने युवाओं से यह भी कहा कि किताबों से केवल सूचना मिलती है। ज्ञान मिलता है, समाज को पढ़ने और समझने से।

जिंदगी में किताबों के अलावा भी ज्ञान की जरूरत पड़ती है। अपना हौसला बुलंद रखें। समाज को कुछ दे सकने की प्रवृत्ति अपने भीतर विकसित करे। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि असफलता को बर्दाश्त करने की क्षमता आपके भीतर होनी चाहिए। मोबाइल का अति उपयोग आजकल एक बड़ी समस्या बन गया है।इसने हमारे टाइम मैनेजमेंट को खराब कर दिया।

इसके उपयोग के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत है। एस पी राजेश सिंह चंदेल, प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार और नालन्दा एकेडमी संचालक अक्षत बंसल, संस्थान के सुनील सोले, और प्रदीप रावत सर उपस्थित रहें। एसपी राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि हर आदमी परेशान है।

कोई कुछ बनना चाहता है, कोई कुछ बन गया है तो उससे ऊपर जाना चाहता है, जो ऊपर है, वो वहाँ बना रहे, वहाँ से नीचे न गिर जाए, यह प्रयास करना चाहता है। त्याग करने से, दूसरों के लिए जीवन में कुछ करने से हमें आदर और सम्मान मिलता है। फिजिकल फिटनेस पर ध्यान रखने के साथ ही उन्होंने मेंटल स्ट्रेस कम करने के प्रयासों पर भी अधिक जोर देने की बात कही।

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