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शिवपुरी : आदिवासी मजदूरी करके लौटे तो उनकी ज़मीनों पर खेती करते मिले चंबल के दबंग

आदिवासियों की हो रही लगातार असुनवाई , आज क्लेक्ट्रेट आकर पुनः सोंपा आवेदन

-सहरिया क्रांति ने कहा आदिवासियों को न्याय दिलाने मे नहीं है अफसरों की रुचि 



शिवपुरी 23 अगस्त 22

जिले में गरीब सहरिया आदिवासियों पर दबंग लोगों का अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है। प्रशासन आदिवासियों को उनका हक दिलाने मे कोई रुचि नहीं ले रहा है। परेशान आदिवासी आवेदन पर आवेदन दे रहे हैं, लेकिन उसका कोई भी नतीजा नहीं निकल रहा है । अपनी जमीन पर चंबल के दबंगों से मुक्त कराने पोहरी एसडीएम और तहसीलदार को लगभग 2 सप्ताह पहले दिये आवेदन पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो आज दर्जनों आदिवासी जिला क्लेक्ट्रेट पहुंचे और जनसुनवाई  मे पुनः अपनी पीढ़ा का आवेदन सोंपा । सहरिया क्रांति ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुये कहा है कि आदिवासियों की भूमि दबंगों से मुक्त कराने मे राजस्व अमला रुचि नहीं ले रहा है जिससे आदिवासी परिवार यहाँ से वहाँ भटकने को मजबूर हैं ।

पोहरी तहसील के ग्राम पंचायत एसवाया  के दर्जनों आदिवासी आज जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाली जनसुनवाई में पहुंचे और अपनी पीड़ा जिलाधिकारी को सुनाई आदिवासियों ने आवेदन देते हुए बताया कि यह सभी पोहरी तहसील के ग्राम पंचायत एसवाया के ग्राम बावड़ी के निवासी हैं । कुछ समय पूर्व में जब गाँव मे मजदूरी नहीं मिली तो रोजी रोटी की तलाश मे गाँव से अन्य जगह पलायन कर गए थे। अब वहाँ से लौटे तो उनकी कृषि भूमि जो हल्का एसवाया के ग्राम मड़खेड़ा के सर्वे नंबर 207 227 209 222 206 237 243 231 232 238 242 226 234 पर दबंग लोग ट्रेक्ट्रर चलाते मिले । जानकारी ली तो पता चला दबंग रामहेतत धाकड़ जो मुरेना के जौरा का रहने वाला है उसने  अवैध कब्जा करके वर्तमान में मुरैना तहसील जोरा के चार पांच लोगों को उक्त भूमि अवैध रूप से विक्रय कर दी और वे अवैध क्रेता जमीदार बनकर उक्त भूमि में ट्रैक्टर चला रहे हैं, खेती कर रहे हैं और गरीब सहरिया आदिवासी अपनी जमीन के पास टपरिया बनाकर डले हैं । वर्तमान में वहीं रहकर उसी भूमि में टपरिया बना कर रहे सहरिया आदिवासीयों ने बताया कि हम अपनी भूमि से बेदखल होकर भटक रहे हैं, मौके पर जाते हैं तो जान से मारने की धमकी एवं जाति सूचक गालियां देकर कहते हैं कि- हम अभी जेल से रिहा होकर आए हैं तुम लोगों को मारकर हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा । इस परेशानी से दुखी होकर पुलिस चौकी भटनागर थाना पोहरी में भी आवेदन दिया तो चौकी प्रभारी ने तहसीलदार और एसडीएम को आवेदन देने के लिए कहा 10 दिन पहले पोहरी तहसील में आवेदन दे चुके परंतु तहसील वालों ने आज दिनांक तक कार्यवाही नहीं की इसलिए परेशान होकर आज जिला मुख्यालय आना पड़ा है। 

इस मामले मे सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने कहा है कि अति गरीब सहरिया आदिवासियों की ज़मीनों पर दबंग कब्जा कर रहे हैं उन्हे प्रताड़ित कर रहे हैं लेकिन राजस्व अमला उनकी लगातार असुनवाई कर रहा है । आदिवासी अपनी जमीन होते हुये भी उस पर कदम नहीं रख पा रहे हैं । ये लगातार असुनवाई का दौर है ,अगर आदिवासियों की ज़मीनें दबंगों से मुक्त कराने प्रशासन ने शीघ्र  पहल नहीं की तो सहरिया क्रांति को आंदोलन को विवश होना पड़ेगा । 

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