विद्यार्थी मेधावी स्कीम में आय सीमा की पात्रता के कारण पढ़ाई के लिए सरकारी फीस से वंचित रह रहे मप्र के लाखों स्टूडेंट्स को जल्द ही बड़ी खबर मिलने वाली है। राज्य सरकार मेधावी स्कीम में बड़ा बदलाव करने जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक इसमें सबसे अहम बात यह होगी कि छह लाख रु. तक की आय सीमा वाले स्टूडेंट्स यदि एक बार इस स्कीम से जुड़े और बाद में उनकी आय 10 लाख या उससे भी ज्यादा हो जाती है, तो भी उन्हें स्कीम से नहीं हटाया जाएगा।
यानी पढ़ाई पूरी होने तक राज्य सरकार ही उनकी फीस भरेगी। अभी छह लाख रु. से ज्यादा आय बढ़ते ही स्टूडेंट को स्कीम से हटा दिया जाता है। इस कारण लाखों बच्चों को आगे की पढ़ाई पूरी करने में आर्थिक दिक्कत आती है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने स्कीम में बदलाव की तैयारी पूरी कर ली है।
बीते मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में भी इस मुद्दे को एक्स एजेंडे के रूप में लाया गया था, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हो पाई। अब इसे अगली कैबिनेट में लाने की तैयारी है। स्कीम में आय सीमा के साथ तीन अहम बदलाव करना प्रस्तावित है। कैबिनेट से अप्रूवल मिलते ही मेधावी स्कीम का दायरा बढ़ जाएगा।
तीन बदलाव प्रस्तावित - अभी दूसरे साल 6 लाख से ज्यादा और 7.50 लाख से कम वालों की फीस ही भरी जाती थी
1. पिता या पालक की आय सीमा छह लाख रुपए से कम के प्रावधान के तहत एक बार योजना के पात्र हो गए तो पढ़ाई खत्म होने तक फीस भरी जाएगी। अभी स्थिति : पात्रता हासिल करने के बाद यदि दूसरे साल आय छह लाख से ज्यादा और 7.50 लाख रुपए से कम है तो ही फीस भरी जाती थी। इसके बाद छात्र-छात्रा को स्कीम से बाहर कर दिया जाता था। अभिभावकों से हर साल आय का प्रमाण-पत्र भी लिया जाता था।
2. पॉलिटेक्निक व ई-फार्मा के छात्रों को क्रमश: बीई सेकंड ईयर या बी-फार्मा में प्रवेश (लेटरल एंट्री) लेने पर स्कीम का लाभ मिलेगा। अभी स्थिति : लेटरल एंट्री लेने पर स्कीम की पात्रता हासिल नहीं होती थी।
3. नीट और क्लेट में प्रवेश की पात्रता परीक्षा पास करने वालों की रैंक फिक्स होगी जो क्रमश: 50 हजार और 3 हजार तक रहेगी। इसके बाद छात्रों को नहीं लिया जाएगा। अभी स्थिति : कोई मैरिट नहीं थी। मप्र के मूल निवासी शासकीय कॉलेज में प्रवेश लेते थे, उनकी फीस जमा हो जाती थी।
स्कीम में संशोधन से 7.5 करोड़ का भार
स्कीम में संशोधन के बाद राज्य सरकार पर तकरीबन 7.5 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। अभी स्कीम में शामिल स्टूडेंट्स की सालाना 150 से 160 करोड़ रु. से अधिक फीस भरी जाती है।
इसमें कोई बदलाव नहीं
मेधावी विद्यार्थी योजना में कुछ प्रावधान पूर्व की तरह ही रहेंगे। इसमें मप्र का मूल निवासी होना, एमपी बोर्ड में 12वीं की परीक्षा में 70% या इससे अधिक अंक, सीबीएसई-आईसीएसई में 85% या इससे अधिक अंक आदि लागू रहेंगे। जेईई-मेंस में रैंक की मैरिट 1 लाख 50 हजार तक रहेगी। सरकारी कॉलेज की पूरी फीस भरी जाएगी, जबकि निजी कॉलेज की 1 लाख 50 हजार तक या वास्तविक फीस जो भी दी जाएगी
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