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MP : तबादलों से बैन हटाने की तैयारी

 सरकार तबादलों से बैन हटाने की तैयारी में है। स्कूल शिक्षा विभाग के तबादला पुरानी व्यवस्था से ही होंगे। इसी बीच सागर में शिक्षा विभाग में पिछले साल मनमानी से किए गए ट्रांसफर का मामला एक बार फिर से सामने आया है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय अभय वर्मा द्वारा कराई गई प्राथमिक जांच में सामने आया है कि तत्कालीन डीईओ अजब सिंह ठाकुर द्वारा 1067 शिक्षक- कर्मचारियों के थोक तबादलों में नियमों का पालन नहीं किया गया।
इसी आधार पर डीपीआई द्वारा पूर्व डीईओ अजब सिंह को दिए गए आरोप पत्र में लिखा है कि उन्होंने प्रभारी मंत्री तक को अंधेरे में रखा। उनकी इसी नीति के चलते कई स्कूल शिक्षक विहीन हो गए। जहां पहले से ही अतिशेष शिक्षक थे, वहां और शिक्षक पहुंच गए। डीपीआई की इस जांच के बाद पूर्व डीईओ अजब सिंह ठाकुर की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं। उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई भी हो सकती हैं। अजब सिंह से पक्ष जानने कॉल किया तो उन्होंने रिसीव नहीं किया।
डीपीआई द्वारा कराई गई जांच में यह निकला
  • तत्कालीन डीईओ द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के निर्देशों की अवहेलना करते हुए एमपी एजुकेशन पोर्टल पर सागर जिले के विद्यालयों में स्वीकृत, भरे और खाली पदों की अपडेट स्थिति के सत्यापन की कार्रवाई नहीं की गई।
  • अजब सिंह द्वारा 24 अगस्त 2021 को कलेक्टर सागर को 827 कर्मचारियों- शिक्षक के स्वैच्छिक तथा 62 कर्मचारियों- शिक्षक के प्रशासनिक स्थानांतरण के संबंध में भेजी नोटशीट में लोकसेवकों के कार्यरत विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या, कितने शिक्षक कार्यरत हैं, जैसी कोई जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई।
  • अजब सिंह ने 27 अगस्त 2021 की नोटशीट में 19 लोकसेवकों के स्वैच्छिक और 159 के प्रशासनिक ट्रांसफर के प्रस्ताव में भी छात्रों की दर्ज संख्या जैसी जानकारी का उल्लेख नहीं किया। उनके द्वारा कई विद्यालयों की असत्यापित- त्रुटिपूर्ण जानकारी प्रस्तुत कर बिना रिक्त पद के स्थानांतरण प्रस्ताव पर अनुमोदन लेकर नियम विरुद्ध ट्रांसफर आदेश जारी किए गए।
  • अजय सिंह द्वारा स्वैच्छिक एवं प्रशासनिक स्थानांतरण प्रस्तावों में स्थानांतरण नीति के सिद्धांतों एवं नियमों का उल्लंघन करते हुए जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री को अंधेरे में रखकर खाली पदों के सत्यापन के बिना स्थानांतरण प्रस्ताव अनुमोदित कराकर नियम विरुद्ध आदेश जारी किए गए। जिसकी प्रारंभिक जांच में पुष्टि होना पाया गया।
  • ऐसे किए थे ट्रांसफर : 11 छात्रों पर 3 शिक्षक हाे गए, जहां पहले से ही 6 पदस्थ थे, वहां और भेज दिए
  • शासकीय प्राथमिक शाला मदनपुरा की एकमात्र शिक्षक इंदिरा देवी पटेल को शासकीय प्राथमिक शाला जिंदा भेजने से यह शाला शिक्षकविहीन हो गई। जबकि जिंदा में 11 छात्रों पर 2 शिक्षक पहले से थे। एक और आने से 3 शिक्षक हो गए।
  • शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सहजपुर के एकमात्र शिक्षक दशरथ प्रसाद साहू का ट्रांसफर मिडिल स्कूल मंसूरबावरी कर दिया। इससे सहजपुर स्कूल शिक्षकविहीन हो गया। मंसूरबावरी में 3 की जगह 4 शिक्षक हो गए, जिनकी कोई आवश्यकता नहीं थी।
  • मिडिल स्कूल नेगुवां देवरी के एकमात्र शिक्षक सुधीर अहिरवार के ट्रांसफर से स्कूल शिक्षकविहीन हो गया। जबकि उनका ट्रांसफर जिस मिडिल स्कूल नौगुवां बीना में किया गया, वहां 6 शिक्षक पहले से ही कार्यरत थे।
भोपाल से जिसका आदेश हुआ, उसे नई जगह ट्रांसफर कर दिया
प्राइमरी स्कूल धमना से लखन सिंह यादव का ट्रांसफर हाई स्कूल बीलाग्राम किया गया। संस्था में एकमात्र शिक्षक के ट्रांसफर से स्कूल शिक्षक विहीन हो गया, जबकि बीलाग्राम में 4 शिक्षक पहले से कार्यरत थे। डीपीआई के पत्र में लिखा है कि पूर्व में लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के आदेश 9 मार्च 2021 के द्वारा यादव का ट्रांसफर मिडिल स्कूल चंदौख हुआ था।
डीईओ ने बाद में उनका ट्रांसफर धमना से बीलाग्राम 31 अगस्त 2021 को कर दिया। जबकि विभाग से स्पष्ट निर्देश हैं कि राज्य एवं जिला दोनों तरफ से स्थानांतरण आदेश होने की स्थिति में राज्य स्तर से जारी आदेश को माना जाएगा। जिले का आदेश स्वतः निरस्त हो जाएगा। अजब सिंह ने इसे भी नहीं माना।

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