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शिवपुरी : निजी एंबुलेंस चालक की मनमानी आईऐ हम आप को वताते है

वपुरी जिले में एक घायल को हादसे के बाद करैरा के स्वास्थ्य केंद्र से शिवपुरी के जिला अस्पताल के लिए एक एंबुलेंस से रेफर किया गया था घायल की गंभीर हालत बनी थी। इसके बावजूद एंबुलेंस चालक द्वारा मरीज को जिला अस्पताल पहुंचाने से पहले एंबुलेंस के भाड़े के भुगतान करने की मांग का मामला सामने आया है।
दरअसल सुरवाया थाना क्षेत्र के डविया गांव का रहने वाला कल्लू आदिवासी बीते शाम अपनी ससुराल शाजापुर बाइक से जा रहा था। परंतु ससुराल पहुंचने से पहले कल्लू की बाइक हादसे का शिकार हो गई। हादसे में कल्लू बुरी तरीके से घायल हो गया। राहगीरों ने उसे तत्काल करैरा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। करैरा के स्वास्थ्य केंद्र मैं मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने कल्लू आदिवासी को प्राथमिक उपचार देने के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे शिवपुरी के जिला अस्पताल में रेफर कर दिया।
सरकारी एंबुलेंस मिली नहीं निजी एम्बुलेंस करना पड़ा भारी
कल्लू आदिवासी के हादसे की सूचना मिलते ही कल्लू के परिचित करैरा के स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच गए थे। जहां से उसे शिवपुरी के जिला अस्पताल के लिए रैफर किया गया था परंतु कल्लू आदिवासी को ले जाने के लिए शासकीय एंबुलेंस मुहैया नहीं कराई गई। इसके बाद उसे अस्पताल के ही किसी कर्मचारी द्वारा निजी एंबुलेंस करके ले जाने की बात कही गई। निजी एंबुलेंस चालक ने मरीज को करेरा के स्वास्थ्य केंद्र से शिवपुरी के जिला अस्पताल छोड़ने के लिए भाड़े के तौर पर एक हजार रुपए की मांग की थी। उक्त भाड़े के पैसों को शिवपुरी पहुंच कर देने की बात घायल कल्लू आदिवासी के परिजनों ने कही थी। जिसके बाद एंबुलेंस का चालक कल्लू आदिवासी को एंबुलेंस से शिवपुरी के जिला अस्पताल भर्ती करवाने के लिए निकला था।
बीच रास्ते मे चालक ने मांगे पैसे, पैसे लेने घायल को पहले जाना पड़ा पहले गांव
जानकारी के अनुसार रास्ते में ही एंबुलेंस चालक घायल और उसके परिचित से भाड़े की मांग करने लगा। जब कल्लू आदिवासी के परिजन ने उसे शिवपुरी जिला अस्पताल पहुंचकर एक हजार रुपए दिलवाने की बात की तो एंबुलेंस चालक ने एंबुलेंस को बीच रास्ते में ही खड़ा कर दिया और पहले पैसे देने की बात करने लगी। चूंकि घायल को जल्द जिला अस्पताल पहुंचाना था इसके लिए एम्बुलेंस चालक का भुगतान करने के लिए एंबुलेंस को पहले घायल के गांव दरिया ले जाया गया तब उसे एक हजार रुपए दिए गए। जिसके बाद एंबुलेंस चालक ने घायल को शिवपुरी जिला अस्पताल पहुंचाया।
सहरिया क्रांति के संयोजक ने की नाराजगी जाहिर
घायल कल्लू आदिवासी को देखने सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन जिला अस्पताल पहुंचे। जहां उन्हें परिजनों ने पूरा घटनाक्रम बताया। शायरियां क्रांति के संयोजक सजा बेटे ने इसकी कड़ी निंदा की है संजय बेचैन का कहना था कि ऐसे में अगर घायल के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटित हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता। स्वास्थ्य विभाग की भी इसमें लापरवाही है। कल्लू आदिवासी को पहले शासकीय एंबुलेंस के माध्यम से करेरा के स्वास्थ्य केंद्र से शिवपुरी के जिला अस्पताल रेफर किया जाना था। परंतु उसे यह सुविधा मुहैया नहीं कराई गई। इसके बाद कल्लू आदिवासी को ऐसी एंबुलेंस चालक के हवाले करेरा के स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों द्वारा कर दिया गया। जिसने अपना मानव धर्म नहीं ले पाया। जबकि, उक्त एंबुलेंस का भुगतान शिवपुरी पहुंच कर दिए जाने की बात घायल के साथ उसके परिजन ने कह दी थी। सहरिया क्रांति के संयोजक संजय बेचैन ने स्वास्थ्य महकमे से एंबुलेंस एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

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