बिर्रा -शरद पूर्णिमा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को जयदाऊ बाबा विकास समिति के द्वारा श्रीराम भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा अर्चना के पश्चात श्री रामचरितमानस भजन का आयोजन संध्या/रात्रि कालीन में रखा गया।जिसमें ग्राम के मानस मंडलीओं को आमंत्रित किया गया ने भगवान राजा रामचंद्र जी के गुणगान को गाकर उपस्थित श्रोताओं को खीर प्रसाद के रूप में दिया गया।
पंडित डॉ उमेश दुबे ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है इस रात चंद्रमा की किरणों में औषधि गुण होता है इस वजह से रात में खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं ताकि चंद्रमा की किरणें उसमें पड़े इससे वह खीर औषधि गुण वाला हो जाता है उस खीर का सेवन करने से सेहत अच्छी होती है ऐसी धार्मिक मान्यता है।पूर्णिमा के व्रत का सनातन धर्म में बहुत महत्व है हर महीने में पढ़ने वाली पूर्णिमा तिथि पर व्रत करने से भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।खीर प्रसाद की व्यवस्था फिरत सिंह व परिवार के द्वारा की गई।"रघुपति राघव राजाराम"भजन नरेन्द्र यादव द्वारा गाया गया जो सभी श्रोताओं ने भी साथ दिया।आयोजन को सफल बनाने में फिरत सिंह सिदार नरेंद्र यादव मसतराम धीवर डॉ उमेश दुबे रामधन धीवर कैलाश महापात्र मनीराम धीवर रामझुल लक्ष्मण धनेश पटेल दऊवा आदि का योगदान सराहनीय रहा।
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