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इंदौर : 350 करोड़ रुपये की कार्य योजनाओं को मंजूरी- हुकुमचंद मिल की जमीन पर निगम करेगा विकास

मेयर-इन-काउंसिल की दूसरी बैठक। 30 साल बाद मजदूरों को ‘हक का पैसा’ मिलने की राह हुई आसान। निगम ने हुकमचंद मिल की जमीन पर आवासीय व व्यावसायिक निर्माण करने की योजना बनाई है। हुकमचंद मिल के मजदूरों व बैंकों का बकाया 480 करोड़ रुपये का भुगतान हो सकेगा

 इंदौर,। मेयर-इन-काउंसिल (एमआइसी) की बैठक में शुक्रवार को हुकमचंद मिल की साढ़े 42 एकड़ जमीन पर मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम व नगर निगम द्वारा विकास किए जाने के मसौदे को मंजूरी मिली। इससे पिछले 30 वर्षों से अपने 'हक का पैसा" मिलने की राह देख रहे हजारों मजदूरों का सपना अब पूरा हो सकेगा। गौरतलब है कि अभी जमीन का मुद्दा कोर्ट में लंबित है। ऐसे में निगम एमआइसी की स्वीकृति के बाद इस प्रस्ताव को कोर्ट के समक्ष रखेगा। निगम ने हुकमचंद मिल की जमीन पर आवासीय व व्यावसायिक निर्माण करने की योजना बनाई है। इस योजना से हुकमचंद मिल के मजदूरों व बैंकों का बकाया 480 करोड़ रुपये का भुगतान हो सकेगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में निगम परिषद के सदस्यों ने शहर में 350 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी।

हुकमचंद मिल की जमीन की बाजार मूल्य कीमत करीब एक हजार करोड़ आंकी गई है। वहीं कलेक्टर गाइडलाइन से इस जमीन की कीमत 600 करोड़ रुपये है। ऐसे में यदि निगम इस जमीन पर विकास कार्य करता है तो मजदूरों व बैंकों की 480 करोड़ रुपये की देनदारी चुकाई जा सकेगी और निगम 250 करोड़ रुपये से विकास कार्य भी कर सकेगा। यहां पर आवासीय व व्यावसायिक केंद्र के अलावा आइटी पार्क भी स्थापित किया जा सकेगा। यहां की रिक्त भूमि पर सिटी फारेस्ट बनाया जा सकेगा। इस प्रस्ताव के मंजूरी के बाद शहर में अन्य मिलों की बेकार जमीन के विकास की राह खुल गई है।

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