गुरुघासीदास संगीत महाविद्यालय हसौद के तत्वावधान में क्षेत्र में संगीत के प्रचार प्रसार के लिए सुयोग्य नीति बनाने हेतु महाविद्यालय के प्राचार्य श्री के आर कश्यप की अध्यक्षता में वार्षिक कार्य योजना की बैठक की गई। ज्ञात हो कि गुरुघासीदास संगीत महाविद्यालय के अधीनस्थ क्षेत्र में बिर्रा,शिवरीनारायण, चिचोली,बम्हनीडीह, ओडेकेरा,हसौद,मालखरौदा,मिसदा,सपोस,सक्ति, मसनियाकला स्थानों पर संगीत विद्यालय संचालित है। बैठल में संगीत गुरुओ द्वारा अपने विचार रखे गए। जिसमे आर के सोनबानी ने कहा कि हमें संगीत विद्याथियों के लिए लक्ष्य निर्धारण कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए विद्यालय के आसपास के गांव में सम्पर्क कर लक्ष्य की प्राप्ति करनी होगी। तभी विद्यालय की दरसँख्या बढ़ेगी तथा विद्यालय का संचालन सुगमता से होगा श्री पं. बलभद्र शुक्ला जी ने कहा कि हमें विद्यालय संचालन के साथ ही साथ विद्यालय में ऐसी फंड की व्यवस्था हो जिसमें निर्धन/आवश्यकता अनुसार छात्रों की फ़ीस/वाद्ययंत्र शुलभ कराई जा सके। हमें पहले विद्यार्थियों पालकों के मन मे जिज्ञासा एवम ललक जगानी होगी। श्री मनोज तिवारी ने वक्तव्य देते हुए कहा कि संगीत के प्रचार प्रासार के लिए विद्यालय के आश्रित ग्रामों में कार्यक्रम करना चाहिए ताकि वहां के लोग देख सुन कर संगीत के प्रति लालसा जागृत हो इसी क्रम में गुरु पूर्णिमा पर्व बिर्रा में न मना कर अधीनस्थ ग्राम देवरानि में मनाने का अपना विचार रक्खा। जिसे सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की गई तथा तिवारी जी द्वारा सभी संगीय गुरुओं को तथा विद्यार्थियों को देवरानी में गुरुपूर्णिमा पर्व के लिए आमंत्रित किया गया। श्री लक्ष्मीनारायण कुर्रे ने विद्यार्थियों के संगीत सीखने की विभिन्न स्तरों पर प्रकाश डाला। श्री दिपक महिलांगे ने प्रचार प्रसार पर अपनी बात रक्खी।प्राचार्य श्री के आर कश्यप द्वारा बतलाया गया कि छ.ग.शासन द्वारा 5 महाविद्यालय सेटअप के साथ खोलने की घोषणा की गई है जो स्वागत योग्य है। विभिन्न निजी विद्यालयों में संगीत शिक्षकों की मांग बढ़ रही है अतः आज का संगीत रोजगार मूलक है। संगीत के द्वारा समाज मे प्रतिष्ठा तो मिलती ही है रोजगार के अवसर भी मिल रहे है। श्री जयंत कश्यप को संगीत विद्यालय बिर्रा में संगीत आचार्य के रूप में पदस्थ किए। श्री देवनन्दन रात्रे को संगीत विद्यालय बम्हनीडीह के लिए संगीत आचार्य बनाया गया। इस अवसर पर प्राचार्य के आर कश्यप,आर के सोनवानी, एन आर भारद्वाज,मनोज तिवारी,लक्मिनारायन कुर्रे,सन्तोष कश्यप,दीपक महिलांगे,जयंत कश्यप,के एल यादव,डी एन रात्रे,पुनिराम लहरे,भानुप्रताप जायसवाल,गोपाल कर्ष आदि गुरुजन सम्मिलित हुए।उक्त की जानकारी मनोज तिवारी ने दी।
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