शिवपुरी, भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी द्वारा गतदिवस विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कृषि वानिकी राजदूत (एग्रोफोरेस्ट्री एम्बेसडर) के सम्मान से शिवपुरी जिले कृषकों का भी चयन किया गया।
खेती के साथ-साथ वानिकी के विभिन्न रूपों में पेड़-पौधों को बढावा देने तथा जनसामान्य के साथ-साथ कृषकों में पर्यावरण हितेषी विधाओं को स्वंय अपनाते हुये पर्यावरण के लिए जीवनशैली को प्रोत्सहित करते हुये मनुष्य, भूमि एवं पर्यावरण स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए निरतंर जागरूकता भी कर रहे है।
भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी में बतौर मुख्य अतिथि शामलाल गोयल, सेवानिवृत वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी, मुख्य अतिथि रहे। डॉ. जोगेन्द्रर सिंह सेवानिवृत, अतिरिक्त आयुक्त कृषि, भारत सरकार, विजय कुमार शर्मा के साथ ग्राम पाठखेडा वि.ख. शिवपुरी के युवा कृषक धनीराम धाकड़ को भी कृषिवानिकी राजदूत (एग्रोफॉरेस्ट्री एम्बेसेडर) के सम्मान से विश्व पर्यावरण के अवसर पर सम्मानित किया गया।
केन्द्रीय कृषिवानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी के निदेशक डॉ.ए.अरूणाचलम एवं प्रधान वैज्ञानिक सह प्रभारी ऐटिक डॉ.आर.पी. द्विवेदी के साथ वैज्ञानिक दल ने कृषि विज्ञान केंद्र, शिवपुरी के समन्वय में जिले में भ्रमण करते हुये कृषि वानिकी के संभावनाओं एवं प्रसार के लिए चयन किया गया।
भारत सरकार के संस्थान के साथ समन्वय करते हुए रा.वि.सि.कृ.वि.वि. ग्वालियर के कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एम.क.ेभार्गव ने इस बारे में जानकारी देते हुये बतलाया कि पर्यावरण हितेषी कृषि के लिए पेड़-पौधों के साथ फलवृक्षों की उन्नत प्रजाति के विभिन्न मॉडलस् के रूप में जागरूकता की जा रही है। जिसमें एग्रो टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, नक्षत्र वाटिका, स्टार प्लानटेशन, ब्लाक प्लानटेशन एवं कृषि वानिकी की विभिन्न पद्धतियों के द्वारा भूमि का उचित संयोजन करते हुए लाभकारी एवं अधिक आय के प्राप्ति भी की जा सकती है और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी होता रहता है।
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