शिवपुरी की पोहरी जनपद के सुमेढ़ गांव की रहने वाली 70 साल की बुजुर्ग महिला ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई हैं। बुजुर्ग महिला का कहना हैं कि उसके इकलौते बेटे की मौत के बाद उसके तीन बच्चों का पालन उसे करना पढ़ रहा हैं। बेटे का नाम संबल योजना में था इसके बावजूद रोजगार सहायक की उदाशीनता के चलते अनुग्रह राशि उसे नहीं मिल सकी हैं। जबकि अंतेष्टि के राशि पंचायत द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। महिला ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई हैं।
बेटे-बहू की हो चुकी मौत, तीन बच्चों की इकलौती सहारा -
पोहरी जनपद की ग्राम पंचायत कैमई के सुमेढ़ गांव की रहने वाली 70 वर्षीय शिमला शर्मा पत्नि स्व मथुराप्रसाद शर्मा ने बताया कि 9 फरवरी 2022 को उसके बेटे संदीप शर्मा गई थी। इससे पहले संदीप की पत्नी की मौत भी हो चुकी थी। दोनों के तीन बच्चे कान्हा शर्मा (12), रंजना शर्मा (9), अनिकेत शर्मा (7) हैं। जिनके पढ़ाई लिखाई से लेकर लालन-पालन का खर्च उसे ही उठाना पढ़ रहा हैं। इससे उसे आर्थिक और मानसिक परेशानियों से जूझना पढ़ रहा हैं।
रोजगार सहायक में बरती लापरवाही -
जबकि उसके बेटे संदीप का नाम संबल योजना में था। बेटे की मौत के बाद पंचायत से उसे अंतेष्टि के लिए पांच हजार रूपये भी दिए गए थे। बेटे की मौत के बाद अनुग्रह राशि के भुगतान के लिए सभी कागजात एवं जानकारी रोजगार सहायक राकेश शर्मा को दी गई थी। रोजगार सहायक द्वारा दस्तावेजों को ऑनलाइन करने की बात कही गई थी। लेकिन जब ऑनलाइन दिखवाया तो उसने नाम नहीं था। इसके रोजगार सहायक के द्वारा लापरवाही बरती गई थी। इसी के चलते आज वह तीन बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं। आज उसने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाते हुए अनुग्रह राशि दिलवाने की गुहार लगाई हैं।
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