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MP TOP NEWS : 30 जनवरी को शिवपुरी प्राइवेट स्कूल बंद कर शासन की नीतियों का करेंगे विरोध

30 जनवरी को शिवपुरी जिले के प्राइवेट स्कूल रहेंगे बंद : शासन की मान्यता नीतियों का होगा विरोध, ब्लॉक समस्त अशासकीय विद्यालय रहेंगे बंद 

प्राइवेट स्कूल्ज एसोसिएशन ने 30 जनवरी गुरुवार को प्रदेश भर में अशासकीय विद्यालय के हड़ताल की घोषणा की हैं। आज इस सन्दर्भ में ज्ञापन भी सौंपे गए हैं। कल गुरूवार को प्राइवेट स्कूल्ज एसोसिएशन द्वारा शासन मान्यता नीतियों का विरोध दर्ज कराएँगे। इसी क्रम में पिछोर में भी समस्त अशासकीय विद्यालय गुरुवार को बंद रहेंगे जिसके लिए प्राइवेट स्कूल्ज एसोसिएशन द्वारा शिक्षा विभाग के बीआसीसी एवं बीईओ को स्कूल बंद की लिखित सूचना भी दी है।

प्राइवेट स्कूल्ज एसोसिएशन ब्लॉक पिछोर के अध्यक्ष नीरज गुप्ता ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों की मान्यता के लिए जिस प्रकार शासन ने रुख अपनाया है वो स्कूलों के हित में नहीं है सरकार ने मान्यता लेने के लिए रजिस्टर्ड किरायानामा, एफडी सहित प्रतिवर्ष के हिसाब से राशि जमा जैसे कई नियम लागू कर दिए हैं जो स्कूलों के हितों में नहीं है शासन की इन्हीं नीतियों के विरोध में प्रदेश भर में प्राइवेट स्कूल्ज एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों के आव्हान पर गुरुवार को स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है जिसमें एक दिवस के लिए 30 जनवरी को जिले सहित पिछोर ब्लॉक के समस्त अशासकीय विद्यालय बंद रखकर शासन की नीतियों का विरोध करेंगे।

 नीरज गुप्ता ने बताया प्रदेशभर में अपने अनेक वर्षों से सीमित संसाधनों में श्रेष्ठ शिक्षा, संस्कृति, संस्कार के साथ -साथ रोजगार प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका प्रदान करने वाले प्रायवेट विद्यालयों पर मान्यता नवीनीकरण के लिए शासन ने तर्कहीन, अव्यवहारिक, औचित्यहीन एवं पालकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ाने वाले नियमो का समस्त प्रायवेट विद्यालय संगठन विरोध करते है।

इन नियमों का विरोध -

1. रजिस्टर्ड किरायनामा ।

2. वि‌द्यालय संचालन हेतु संस्था व DPC के नाम से 40000/ की FD का प्रावधान ।

3. RTE में निःशुल्क शिक्षण प्रदान की अनिवार्यता के पश्चात भी प्रति वर्ष विद्यालय पर 4000/-की राशि अधिरोपित करना जबकि विद्यालय को अनेकों बार ऑनलाइन जानकारी हेतु स्वयं अपनी और से प्रति विद्यार्थी शुल्क जमा करना होता है।

4. शिक्षक-शिक्षिकाओं के आधार सत्यापन, अनावश्यक प्रमाणीकरण की अनिवार्यतः
साथ ही अनावश्यक डाटा कलेक्शन आदि में वि‌द्यालयों पर दबाव, RTE में निःशुल्क शिक्षण देने के बाद भी समय पर भुगतान न होना, भुगतान हेतु अनेक जटिल प्रक्रियाएं विद्यालय संचालन में व्यवधान एवं विसंगतियां प्रस्तुत कर रहीं हैं।
शिक्षा, संस्कार एवं रोजगार प्रदान कर रही संस्थाओं हेतु शासन के नियम पूर्व की भांति सरल एवं नीतिसंगत हों न क्लिष्ट एवं अनावश्यक भ्रांतियां तनाव प्रदान करने वाले ।

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