शिवपुरी रेलवे स्टेशन पर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। सतना से आई चावल की रैक में सैकड़ों बोरियां फटी हुई पाई गईं। इन बोरियों से निकला चावल रेल के डिब्बे में पहले से फैले यूरिया खाद और सीमेंट में मिल गया। इसके बावजूद चावल को उठवाकर दोबारा सही बोरियों में भरवा दिया गया, जो गरीबों को बांटे जाने वाले सरकारी राशन का हिस्सा है।
मामले में नेशनल फूड सप्लाई एजेंसी (नान) और उसके ठेकेदार की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। बताया गया कि फटे हुए बोरे जब स्टेशन पर उतारे गए, तब उसमें से बिखरे चावल को श्रमिकों द्वारा उठवाकर दूसरी बोरियों में भरवाया गया। लेकिन रेल डिब्बों में पहले से पड़े यूरिया और सीमेंट के अवशेषों के कारण यह चावल दूषित हो गया था।
गरीबों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ -
सरकार जहां एक ओर मानसून पूर्व तीन माह का राशन एक साथ वितरित करने की तैयारी कर रही है, वहीं ऐसे दूषित चावल को पुनः बोरियों में भरकर गोदामों तक भेजा जाना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ की बड़ी आशंका को पैदा करता है। यदि यह चावल गरीबों को वितरित होता है, तो इससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
मामले में ठेकेदार संतोष तायल का कहना है कि मौके पर पंचनामा बनाया गया है साथ ही नान अधिकारियों के निर्देश पर ही बिखरे चावल को अलग बोरियों में भरकर गोदाम में अलग से रखवाया गया है। वहीं नान अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि यह चावल वितरण के लिए नहीं जाएगा, बल्कि इसे अलग से गोदाम में रखवाया गया है अगर अपग्रेड हो सकता है तो ही इस चावल को अपग्रेड किया जायेगा।
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