वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज प्रातः 9.30 बजे कार्यालय जनपद पंचायत, करैरा में एक समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम भारत माता की प्रतिमा पर तिलक और माला दिव्यांगजन करण यादव द्वारा अर्पित की गई। इसके बाद एसडीएम अनुराग निंगवाल, सीईओ हेमंत सूत्रकार, स्टाफ और जनप्रतिनिधियों ने एक साथ वंदे मातरम गीत का गायन किया।
एसडीएम अनुराग निंगवाल ने इस अवसर पर वंदे मातरम गीत के इतिहास, महत्व और इसकी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1875 को लिखा गया था जिसका प्रकाशन 1882 में आनंदमठ उपन्यास में हुआ। पहली बार 1896 में कलकत्ता अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा गाया गया था जिसे संविधान सभा ने वर्ष 1950 में राष्ट्रगीत स्वरूप अपनाया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह हमारे देशभक्ति की भावना, मातृभूमि के प्रति समर्पण और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा का प्रतीक है।
सीईओ हेमंत सूत्रकार ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वन्दे मातरम गीत के महत्व को बताया, उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालयों में प्रतिदिन इस राष्ट्रीय गीत का गायन बड़े ही सम्मान से किया जाता है।
समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने वंदे मातरम गीत के साथ देशभक्ति की भावना को महसूस किया और भारत माता की जय के नारे लगाए। इस अवसर पर पंचायत निरीक्षक संजीव दुबे, बल्ली कोली, निशा परिहार, काजल दुबे सहित आमजन मौजूद रहे।

0 टिप्पणियाँ