लोक सेवा केंद्र में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों की नौकरी पर खतराकंप्यूटर ऑपरेटर बोले न्याय नहीं मिला तो करेंगे आंदोलन ।
शिवपुरी मध्य प्रदेश के विभिन्न लोक सेवा केंद्रों में वर्षों से कार्य कर रहे कर्मचारियों को निकालने की तैयारी शासन ने शुरू कर दी है, इन लोक सेवा केंद्रों में विभिन्न पद के लिए राज्य लोक सेवा अभिकरण द्वारा आवेदन मंगाया गया है। इतना ही नहीं संस्था ने नियमानुसार अखबारों में विज्ञापन दिया है, लेकिन लोक सेवा केंद्र कर्मचारियों के लिए वचन पत्र में कुछ बेहतर करने का दावा करने वाली सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर पा रही है। यह बात मध्य प्रदेश कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ के जिलाध्यक्ष रामगोपाल शर्मा द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के माध्यम से कही है। सरकार केवल किसानों के कर्ज माफी तक सीमित रह गई, अन्य समस्याओं को सरकार द्वारा प्राथमिकता नहीं दी गई।
ऐसा ही एक मामला लोक सेवा केंद्रों का है। शासन ने पुनः टेंडरिंग कवायद के बाद पूरे मध्य-प्रदेश के प्रत्येक तहसील के लोक सेवा केंद्रों में काम कर रहे हजारों कंप्यूटर ऑपरेटर को बेरोजगारी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। इतना ही नहीं संपूर्ण मध्यप्रदेश में 414 लोक सेवा केंद्र संचालित हैं, इनमें हजारों कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत हैं, जबकि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने वचन पत्र जारी किया था, जिसमें समस्त विभागों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को नियमित करने का वचन दिया था, इसे निभाने में सरकार नाकाम दिखाई दे रही है। इस पर कंप्यूटर ऑपरेटरों ने न्याय नहीं मिलने पर आंदोलन करने की बात कही है।
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