Music

BRACKING

Loading...

जल संकट देख नप ने कराए 10 नलकूप खनन, सात निकले सूखे, कैसे मिटेगा संकट

जल संकट देख नप ने कराए 10 नलकूप खनन, सात निकले सूखे, कैसे मिटेगा संकटनगर परिषद बैराड़ में 25 करोड़ से अधिक की लागत से बन रही जल आवर्धन योजना का काम पूरा होने से पहले नगर में पेयजल संकट...

नगर परिषद बैराड़ में 25 करोड़ से अधिक की लागत से बन रही जल आवर्धन योजना का काम पूरा होने से पहले नगर में पेयजल संकट गहरा गया है। इसको देखते हुए नगर परिषद द्वारा क्षेत्र में कराए करीब 10 लाख रुपए से अधिक की लागत से 10 नवीन नलकूप खनन के हाल बेहाल हैं। स्थिति यह रही कि 10 नलकूप में से महज 3 नलकूप खनन में ही पानी निकला है वह भी किसी में दो इंच तो किसी में ढाई इंच। शेष 7 नलकूप खनन कराने वाली जगह पर पानी नहीं निकलने के कारण खनन सूख गए हैं। जिससे न केवल नप के लाखों रुपए बर्बाद हो गए, बल्कि नागरिकों को पेयजल समस्या से मुक्ति नहीं मिली है। उनका कहना है कि अभी तो नप टैंकरों से पानी सप्लाई कर रही है लेकिन जून माह के बाद टैंकर बंद हो जाने के बाद भी नागरिकों को पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा। वहीं सीएमओ रमेश सिंह सगर का कहना है कि खनन में पानी नहीं निकला तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। अब हमें टैंकरों से ही पानी सप्लाई करना पड़ेगा।

नागरिक बोले- जून के बाद टैंकर हो जाएंगे बंद, फिर कहां से लाएंगे पानी बैराड़ क्षेत्र में मशीन से बोर करते हुए।

खनन से पूर्व सर्वे कराने के बाद भी नहीं निकला पानी नगर परिषद के अफसरों की मानें तो उनका कहना है कि परिषद क्षेत्र में खनन कराने से पहले पानी उपलब्धता के लिए मशीन द्वारा सर्वे कराया गया था। लेकिन मशीन द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर चिन्हित वाली जगह पर खनन कराने के बाद भी पानी नहीं निकला है, जबकि बोरों की गहराई सर्वे में बताई गहराई से भी अधिक करा दी गई है। इसके बाद भी खनन सूख गए हैं। इससे नगर परिषद के अधिकारी-कर्मचारी व जनप्रतिनिधियों के अलावा नागरिकों ने चिंता जाहिर की है। 10 लाख रुपए से अधिक की लागत से नागरिकों को भीषण गर्मी में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नगर परिषद द्वारा कराए गए 10 नलकूप खनन में से 7 नलकूप खनन पानी नहीं निकलने के कारण सूख गए हैं। वहीं शेष 3 नलकूप खनन में भी पर्याप्त पानी नहीं निकलने के कारण अधिकारी व जनप्रतिनिधि इसलिए समस्या में पड़ गए हैं कि आखिर नागरिकों को पानी कहां से पिलाएंगे क्योंकि लाखों की लागत से कराए खनन में से भी अधिकांश सूख गए हैं। वहीं लोगों का कहना है कि बोर में पानी नहीं निकला है तो हमें जून के बाद टैंकर बंद होने के बाद पानी कैसे मिलेगा इसका कोई जवाब नहीं मिल रहा है। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ