लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो एक्ट) के संबंध में जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती रचना बुधोलिया, सहायक संचालक श्रीमती सुष्मिता बिल्लोरे, एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती विष्णू गुप्ता, अर्चना वाजपेयी, विनोद कुमार दिवान, उमेश सिंह, गिरीश चौहान, संरक्षण अधिकारी अमित दुबे, परामर्शदाता सुरेश पांचाल, सामाजिक कार्यकर्ता शशि राठौर आदि के साथ समस्त पर्यवेक्षक उपस्थित थे।
कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रचना बुधोलिया ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के बारे मे जानकारी देते हुए बताया की यह अधिनियम 0 से 18 वर्ष तक की आयु के बालक बालिकाओं को लैंगिक अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। बालकों के शरीर के चार भाग (मुंह, छाती, टांगों के बीच एवं पिछले हिस्से नितम्ब) पर केवल माता-पिता ही छू सकते हैं। एवं डॉक्टर भी माता-पिता के सामने ही छू सकता है। अन्य कोई छूता है तो वह असुरक्षित स्पर्श है, इसका विरोध करें, अपने माता-पिता को बताएं। साथ ही चाईल्ड लाईन 1098, महिला हेल्प लाईन 1090, पुलिस डायल 100 आदि के बारे मे भी विस्तार से जानकारी दी।
परामर्शदाता सुरेश पांचाल द्वारा लैंगिक अपराध के प्रकार, सजा व एक्ट के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गई एवं पीड़िता को किस प्रकार से न्याय मिले व शासकीय इकाईयां जैसे विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड आदि किस प्रकार से आपकी सहायता करेंगी आदि के बारे मे भी जानकारी प्रदान की।
कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रचना बुधोलिया ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के बारे मे जानकारी देते हुए बताया की यह अधिनियम 0 से 18 वर्ष तक की आयु के बालक बालिकाओं को लैंगिक अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। बालकों के शरीर के चार भाग (मुंह, छाती, टांगों के बीच एवं पिछले हिस्से नितम्ब) पर केवल माता-पिता ही छू सकते हैं। एवं डॉक्टर भी माता-पिता के सामने ही छू सकता है। अन्य कोई छूता है तो वह असुरक्षित स्पर्श है, इसका विरोध करें, अपने माता-पिता को बताएं। साथ ही चाईल्ड लाईन 1098, महिला हेल्प लाईन 1090, पुलिस डायल 100 आदि के बारे मे भी विस्तार से जानकारी दी।
परामर्शदाता सुरेश पांचाल द्वारा लैंगिक अपराध के प्रकार, सजा व एक्ट के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गई एवं पीड़िता को किस प्रकार से न्याय मिले व शासकीय इकाईयां जैसे विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड आदि किस प्रकार से आपकी सहायता करेंगी आदि के बारे मे भी जानकारी प्रदान की।
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