शिवपुरी. बिजली कंपनी की सबसे बड़ी उपभोक्ता नगरपालिका शिवपुरी है, जिससे करोड़ों रुपए की राशि बिल के रूप में बिजली कंपनी वसूलती है। मार्च 2019 में ही बिजली कंपनी ने 18 .22 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया बताने के साथ ही नगरीय प्रशासन से 14.54 करोड़ रुपए दिए जाने के साथ ही 1.02 करोड़ रुपए की राशि न्यायालय में जमा करवाई। इतनी राशि जमा करने के बाद लगभग 3 करोड़ रुपए की राशि बकाया होनी थी, लेकिन बिजली कंपनी ने उसी महीने में नपा पर फिर से 8 करोड़ रुपए की बकाया राशि निकाल दी। इन हालातों में तो ऐसा लग रहा है कि बिजली कंपनी मनमानी राशि के बिल देकर नपा को अपने कर्जे से मुक्त नहीं होने दे रही। शहर में लगभग 450 ट्यूबवैल नगरपालिका के हैं, इनमें से 90 फीसदी ट्यूबवैलों पर मीटर नहीं लगाए गए हैं। इसलिए बिजली कंपनी इन ट्यूबवैलों के बिल में आंकलित खपत दर्शाती है। जबकि गर्मियां शुरू होने से पहले ही शहर के ट्यूबवैल दम तोडऩा शुरू कर देेते हैं, लेकिन बिजली कंपनी की आंकलित खपत का बिल बंद ट्यूबवैलों पर हर महीने जारी किया जा रहा है।
मीटर लगाए जाने को लेकर हो चुका है विवाद
नपा के पूर्व सीएमओ से जब बिजली कंपनी की तनातनी हुई थी, तो उसकी वजह यह थी कि दिए गए बिलों की राशि को अधिक बताते हुए पूर्व सीएमओ ने बिजली कंपनी के तत्कालीन महाप्रबंधक से कहा था कि पहले आप ट्यूबवैलों पर मीटर लगाएं, तो आने वाली रीडिंग के आधार पर हम बिल की राशि अदा करेंगे। लेकिन महाप्रबंधक ने यह कहते हुए उनकी बात को दरकिनार कर दिया था कि हमने तो मीटर लगाए थे, आपके लोगों ने उन्हें तोड़ दिए, अब क्या हम मीटर ही लगाते रहेंगे। इसके बाद बिना मीटरों के ही बिजली बिल आ रहा है।
नपा के पूर्व सीएमओ से जब बिजली कंपनी की तनातनी हुई थी, तो उसकी वजह यह थी कि दिए गए बिलों की राशि को अधिक बताते हुए पूर्व सीएमओ ने बिजली कंपनी के तत्कालीन महाप्रबंधक से कहा था कि पहले आप ट्यूबवैलों पर मीटर लगाएं, तो आने वाली रीडिंग के आधार पर हम बिल की राशि अदा करेंगे। लेकिन महाप्रबंधक ने यह कहते हुए उनकी बात को दरकिनार कर दिया था कि हमने तो मीटर लगाए थे, आपके लोगों ने उन्हें तोड़ दिए, अब क्या हम मीटर ही लगाते रहेंगे। इसके बाद बिना मीटरों के ही बिजली बिल आ रहा है।
दिन में भी जगमगाती रहती हंै स्ट्रीट लाइट
शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता है, जब शहर के किसी न किसी क्षेत्रमें दिन में स्ट्रीट लाइट जलती हुईं न मिलें। जबकि स्ट्रीट लाइट जलाने व उन्हें बंद करने की जिम्मेदारी बिजली कंपनी की थी, लेकिन बाद में बिजली कंपनी ने इससे पल्ला झाड़ लिया तो फिर नगरपालिका के कर्मचारी ही इसे जला व बंद कर रहे हैं। बावजूद इसके बिजली की बर्बादी हो रही है। यही वजह है कि इसका बिल भी बहुत अधिक आ रहा है।
शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता है, जब शहर के किसी न किसी क्षेत्रमें दिन में स्ट्रीट लाइट जलती हुईं न मिलें। जबकि स्ट्रीट लाइट जलाने व उन्हें बंद करने की जिम्मेदारी बिजली कंपनी की थी, लेकिन बाद में बिजली कंपनी ने इससे पल्ला झाड़ लिया तो फिर नगरपालिका के कर्मचारी ही इसे जला व बंद कर रहे हैं। बावजूद इसके बिजली की बर्बादी हो रही है। यही वजह है कि इसका बिल भी बहुत अधिक आ रहा है।
हमें मार्च माह में 18 .22 करोड़ रुपए के बिजली बिल की राशि बताई जाकर 15.56 करोड़ रुपए जमा करवा लिए। इसके बाद मार्च माह में ही हमें फिर से 8 करोड़ रुपए का बकाया बिल बताकर राशि की मांग की जा रही है। बिजली कंपनी ने पहले ही नपा की हालत खस्ता कर दी है।
चंद्रशेखर गौतम, हैड क्लर्क नपा
चंद्रशेखर गौतम, हैड क्लर्क नपा
नगरपालिका के एचटी व एलटी बिल अलग-अलग जारी किए जाते हैं। दोनों मिलाकर हर महीने लगभग 1 करोड़ रुपए का बिल बनता है। नपा के जिम्मेदार यदि बिलों का हिसाब मांगे तो हम उन्हें सभी दस्तावेज उपलब्ध करा सकते हैं। समय पर बिल जमा नहीं करते और फिर अनावश्यक आरोप लगाते हैं।
पीआर पाराशर, महाप्रबंधक विविकं
पीआर पाराशर, महाप्रबंधक विविकं
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